भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा चाय पीने का शौक रखता हैं। थकान और आलस भगाने में कारगर चाय भारत में काफी पसंद की जाती है। कई लोग तो चाय के इतने शौकीन होते हैं कि दिन में 3 से 4 कप चाय पी जाते हैं और कुछ तो इससे भी ज्यादा। लेकिन इसका अधिक सेवन सेहत के लिए किसी भी लिहाज से अच्छा नहीं हैं। ऐसे में हमारी आपको यही सलाह हैं कि आप हर्बल टी का सेवन करना शुरू करें। सेहत के प्रति सतर्कता को देखते हुए कई लोग अपनी लाइफस्टाइल में हर्बल टी को शामिल कर रहे हैं। हर्बल चाय को सदियों से लोग पीते आ रहे हैं। खांसी-जुकाम में अक्सर दादी-नानी इस तरह की चाय पीने की सलाह देती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हर्बल टी से सेहत को मिलने वाले फायदों की जानकारी देने जा रहे हैं। इन्हें जानकर आप भी हर्बल टी का सेवन करने लगेंगे। आइये जानते हैं इन फायदों के बारे में...
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद
हमारे शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बीमारी और संक्रमण से रक्षा करती है। यदि यह कमजोर हो जाये तो रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और साथ ही मनुष्य बीमार पड़ने लगता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हर्बल टी का उपयोग करना चाहिए। इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है और कई तरह के मिनरल्स मौजूद है जो शरीर को शक्तिशाली बनाते है और रोगो से बचाते है।
एंग्जायटी कम होती है
सामान्य चाय में कैफीन होती है, जिसका अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है। कैफीन शरीर को डिहाइड्रेट कर देती है। इसलिए आपको सामान्य चाय की जगह हर्बल टी का सेवन करना चाहिए। हर्बल टी में कैफीन नहीं होती है। कैफीन का सेवन कम करने से स्ट्रेस और एंग्जायटी कम करने में मदद मिलती है। रिसर्च बताती हैं कि रोज़ टी का सेवन करने और रोज़ वॉटर इन्हेल करने से एंग्जायटी के मरीजों को आराम मिलता है।
डाइजेशन होता हैं अच्छा
डाइजेस्टिव और गैस्ट्रोइंटेस्टिनल प्रॉब्लम्स के लिए भी हर्बल टी बहुत लाभकारी हैं। आप इनका सेवन दिन में दो बार करेंगी तो आपका पाचन दुरुस्त होगा। विशेषतौर पर कैमोमाइल टी डाइजेस्टिव सिस्टम के फंक्शन में सुधार करती है। इसमें फ्लैवोनोइड्स और टरपेनोइड्स होते हैं। यह बुखार, इंफ्लेमेशन, मसल्स क्रैंप और इंसोम्निया जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है।
सूजन को करती है कम
इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट और गठिया से लेकर सिरदर्द तक हर चीज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। हर्बल चाय सूजन संबंधी समस्याओं के लिए भी बहुत अच्छी होती है।
एंटी-एजिंग गुण
हर्बल टी हर्ब्स से बनती हैं और हर्ब्स में एंटी ऑक्सीडेंट्स जैसे पॉलीफैनल, फ्लैवोनोइड और कैटेचिन्स आदि मौजूद होते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट्स त्वचा को यूवी किरणों से प्रोटेक्ट करते हैं, साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट्स ऑक्सीडेशन प्रोसेस को कम करते हैं जिससे शरीर में फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम होता है। फ्री रेडिकल्स एजिंग साइन्स के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए हर्बल टी का सेवन करने से एंटी-एजिंग इफेक्ट मिलते हैं और झुर्रियां/फाइन लाइन्स कम होती हैं।
वजन कंट्रोल करने में फायदेमंद
वजन पर काबू रखने में हर्बल टी कारगर साबित हो सकती हैं। यही वजह है की कई लोग वजन को नियंत्रित रखने के लिए और मोटापे से बचाव के लिए हर्बल टी पीना पसंद करते हैं। दरअसल, एक शोध में वजन नियंत्रण में कारगर उन सामग्रियों का जिक्र किया गया है, जिनका इस्तेमाल कर हर्बल टी बनाई जाती है। इनमें अदरक, दालचीनी, नींबू, जिनसेंग व लौंग शामिल हैं। ऐसे में हम कह सकते हैं कि हर्बल टी का सेवन मोटापे से बचाव में मददगार साबित हो सकता है।
जी-मिचलाने की समस्या होगी दूर
जो लोग मतली और उल्टी के कारण रोजाना परेशान होते हैं, उनके लिए हर्बल चाय जादुई तरीके से काम करती है। इसे पीने से मतली से तुरंत राहत मिलती है, प्रेग्नेंट महिलाएं हर दिन एक-दो कप हर्बल चाय पी सकती हैं। हालांकि इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
अनिद्रा में फायदेमंद
हर्बल टी अनिद्रा की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होती है। कैमोमाइल का उपयोग कर हर्बल टी बनाये और सेवन करे आपकी नींद न आने की समस्या कुछ दिन में समाप्त होने लगेगी।
हड्डियों को मिलती हैं मजबूती
महिलाओं को अक्सर उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों के जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगती है। घुटनों में दर्द बहुत ही आम समस्या हो गई है। ऐसे में हर्बल टी का सेवन आपके लिए लाभकारी होगा। हर्बल टी जैसे रूइबोस टी में आयर, कैल्शियम, पोटेशियम, कॉपर, मैंगनीज, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो बोन डेंसिटी बढ़ाते हैं और हड्डियों का स्वास्थ्य बेहतर करने में मदद करते हैं।
शरीर के दर्द में आराम
टर्मरिक टी या हल्दी की चाय उन लोगों के लिए लाभकारी है तो अर्थराइटिस या गाउट जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो जोड़ों से सूजन को कम करती हैं और अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करती हैं।