जानिए क्यों हैं ये 6 खनिज सेहत के लिए जरूरी, मिलेंगे गजब के फायदे

हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से कई सारे तत्वों से मिलकर बना होता है। जीवन की शुरुआत में शरीर में कुछ खनिज प्रकृति द्वारा दिये होते हैं।

Update: 2021-09-14 06:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से कई सारे तत्वों से मिलकर बना होता है। जीवन की शुरुआत में शरीर में कुछ खनिज प्रकृति द्वारा दिये होते हैं। जिनका आगे जाकर हमें संतुलन बनाये रखना होता है। बीच अनियमित दिनचर्या, असयंमित खान पान, आरामतलब जीवनशैली, किसी बीमारी और बढ़ती उम्र की वजह से इन खनिजों का संतुलन शरीर मे गड़बड़ा सकता है। इनके असंतुलन की वजह से पनपती हैं कई समस्याएं। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो ये समस्याएं गम्भीर भी बन सकती हैं। खनिजों को मुख्यतः दो श्रेणियों में बांटा जाता है। ये हैं, मेजर या मैक्रोमिनरल्स तथा ट्रेस मिनरल्स। इनमें से मैक्रो मिनरल्स की अधिक मात्रा की जरूरत शरीर को होती है। यूं शरीर के लिए कई सारे खनिजों का होना जरूरी होता है। लेकिन आज हम बात करेंगे इनमें से छह महत्वपूर्ण खनिजों के बारे में।  मेजर मिनरल्स यानी कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम तथा ट्रेस मिनरल्स यानी आयरन और जिंक। इन मिनरल्स के असंतुलन से केवल शरीर ही नहीं बल्कि दिमाग की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

कैल्शियम

हड्डियों की मजबूती के लिए तो यह बहुत जरूरी है ही। इसके अलावा ये दांतों की मजबूती, मांसपेशियों के संकुचन, इम्युनिटी को सुधारने, ब्लड प्रेशर को सुचारू बनाये रखने आदि में भी सहायता करता है। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था की शुरुआत में ही कैल्शियम के सप्लीमेंट्स इसलिए दिए जाते हैं ताकि उसके साथ साथ यह गर्भ में विकसित हो रहे बच्चे की सेहत को भी लाभ पहुंचाएं। उम्र बढ़ने के साथ या किसी बीमारी की स्थिति में जब प्राकृतिक स्रोत कैल्शियम की सही मात्रा शरीर को नहीं दे पाते, तब भी डॉक्टर्स सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं। लेकिन सप्लीमेंट्स एक नियमित अवधि और मात्रा से अधिक खाना भी नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए बिना डॉक्टर के परामर्श के इन्हें न खाएं। जिन प्राकृतिक स्रोतों से आप कैल्शियम पा सकते हैं, उनमें  शामिल हैं- दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दही, छेना, छाछ, आदि, भिंडी व हरी सब्जियां, फोर्टिफाइड आटा, सोयाबीन आदि।

मैग्नीशियम

कोरोना महामारी के आने के बाद से इस खनिज को लेकर बहुत चर्चा शुरू हुई थी क्योंकि ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता नहीं था। यह भी इम्युनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है। इसके अलावा शरीर मे प्रोटीन बनाने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। मांसपेशियों के काम को सही बनाने में भी यह योगदान देता है। यह प्राकृतिक रूप से कई चीजों में पाया जाता है, जैसे-बादाम, काजू, कई प्रकार के बीज और सूखे मेवे, साबुत अनाज, केले, डार्क चॉकलेट और आवोकौडो, हरी पत्तेदार सब्जियां,आदि।

पोटैशियम

शरीर मे तरल यानी फ्लूड का संतुलन बनाये रखने के लिए पोटेशियम जरूरी होता है। यदि किसी को किडनी सम्बन्धी समस्या हो तो पोटेशियम की कम मात्रा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। पोटेशियम ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाओं को फैलने या रिलेक्स होने में मदद करता है। जिससे हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति से बचाव में मदद मिलती है और हार्ट सम्बन्धी समस्याओं से भी बचाव हो सकता है। इसके साथ ही नर्व्स और मसल्स की सेहत को अच्छा बनाये रखने के लिए भी पोटेशियम की जरूरत होती है। पोटेशियम की पूर्ति के लिए अपनी डाइट में पके हुए आलू, शकरकंद, पालक, ब्रॉकली, मटर के दाने, ककड़ी, कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियां, मशरूम्स, ताजे मौसमी फल, सूखे मेवे, राजमा, ब्राउन राइस आदि को शामिल करें। 

सोडियम

सबसे आसान रूप में हम इसे नमक के तौर पर जानते हैं जो कि सोडियम क्लोराइड होता है। यह शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स में से एक होता है। शरीर को ठीक तरह से काम करने के लिए सोडियम की जरूरत होती है। इसमें ब्लड की वॉल्यूम और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने से लेकर, मांसपेशियों और नर्व्स के सही तरीके से काम करने तक की प्रक्रिया शामिल होती है। पसीने और यूरीन के रूप में ज्यादातर सोडियम शरीर से बाहर निकल जाता है। यही कारण है कि खिलाड़ियों, जिमिंग करने वालों आदि को ऐसे ड्रिंक सीमित मात्रा में पीने की सलाह दी जाती है जिसमें सोडियम भी हो। सामान्यतौर पर शरीर को नमक के अलावा फल, दूध, बीट रुट यानी चुकंदर और थोड़ी मात्रा में पीने के पानी से भी सोडियम की पूर्ति हो सकती है। जो चीज मुश्किल खड़ी करती है, वह है सोडियम की अधिकता। ये आपको मिलते हैं जंक फूड, प्रोसेस्ड फ़ूड आदि में मिलते हैं, जिनका कम से कम प्रयोग करना फायदेमंद हो सकता है।

आयरन

एक बहुत ही महत्वपूर्ण खनिज जिसकी आवश्यकता शरीर को सही तरीके से विकास करने के लिए होती है। आयरन की मदद से ही शरीर में हिमोग्लोबीन का निर्माण होता है। हिमोग्लोबीन के सही स्तर का होना मतलब शरीर का अंदरूनी तौर पर मजबूत होना। इस तरह आयरन इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर कुछ विशेष हार्मोन्स का निर्माण करने, थकान मिटाने, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और एनीमिया जैसी स्थिति से बचाव करने जैसे कई फायदे शरीर को देता है। खासतौर पर महिलाओं और युवतियों के लिए इसकी सही मात्रा का शरीर मे होना बहुत आवश्यक होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को विशेषकर आयरन सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। इसकी सामान्य मात्रा पालक, चुकंदर, अंडे, सोयाबीन, अनाज, काले चने, मुनक्का, हरी पत्तेदार सब्जियों, अनार जैसे फलों आदि से प्राप्त हो सकती है।

जिंक

भले ही जिंक का  नाम आपने बहुत ज्यादा न सुना हो लेकिन यह कमाल का मिनरल हाल ही में कोरोना के बाद से और भी फेमस हो गया है। असल में जिंक इम्यून सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को ठीक से काम करने में मदद तो करता ही है। यह  घाव भरने और टेस्ट और स्मेल के सेंस को बनाये रखने में भी मददगार होता है। साथ ही यह सर्दी जुकाम को जल्दी ठीक करने, ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने और दिल की सेहत को अच्छा बनाने में भी सहायता देता है। इसके सामान्य स्रोत में बींस, चना दाल, काजू, तिल्ली, ओट्स, ब्रेकफास्ट सीरियल्स, ब्राउन चावल आदी शामिल हैं।

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