जानिए डायबिटीज के मरीज के लिए क्यों जरूरी है प्रोटीन?

अधिकतर लोग यह मानते हैं कि डायबिटीज के पेशेंट्स को ज्यादा प्रोटीन वाली डाइट का सेवन नहीं करना चाहिए. प्रोटीन के सेवन से उनकी किडनी डैमेज हो सकती है

Update: 2022-08-04 05:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।    अधिकतर लोग यह मानते हैं कि डायबिटीज के पेशेंट्स को ज्यादा प्रोटीन वाली डाइट का सेवन नहीं करना चाहिए. प्रोटीन के सेवन से उनकी किडनी डैमेज हो सकती है और डाइजेशन सिस्‍टम भी प्रभावित हो सकता है. लोगों का यह भी मानना है कि प्रोटीन के सेवन से वजन बढ़ता है और इसे केवल बॉडी बिल्डिंग के लिए ही डाइट में शामिल करना चाहिए. जबकि डॉ. अंबरीश मिथल (अध्यक्ष और प्रमुख, एंडोक्रिनोलॉजी और मधुमेह, मैक्स हेल्थकेयर) इन बातों को मिथ बताते हैं. इंडियन एक्‍सप्रेस के हवाले से उन्‍होंने बताया है कि डाइबिटीज को लेकर ये बातें वेस्‍टर्न देशों में कही जाती हैं, क्योंकि वे लोग भारतीयों की तुलना में ज्यादा प्रोटीन वाली डाइट लेते हैं. हमारा देश कार्ब लविंग कंट्री है जहां लोगों की थाली में प्रोटीन काफी कम मात्रा में पाया जाता है और कार्ब अधिक होता है. ऐसे में जब हम उनके साथ भारतीय डायबिटीज पेशेंट की थाली में मौजूद प्रोटीन की तुलना करते हैं तो उनमें जमीन आसमान का अंतर होता है. ऐसे में जरूरी है कि हमें इस बात की जानकारी हो कि आखिर डायबिटिक पेशेंट के लिए प्रोटीन क्‍यों जरूरी है और उन्‍हें कितना प्रोटीन रोज लेना चाहिए.

डायबिटीज पेशेंट के लिए प्रोटीन क्‍यों जरूरी?
जब आप कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन लेते हैं तो आपके शरीर के कार्ब्स को ग्लूकोज में बदलने में अधिक समय लग सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज पेशेंट में खाने के बाद शुगर लेवल कम किया जा सकता है. कार्बोहाइड्रेड की तरह ही एक ग्राम प्रोटीन 4 कैलोरी देता है. लेकिन प्रोटीन के सेवन से तृप्ति होती है और इस वजह से कैलोरी की मात्रा को यह कम कर देता है. इस तरह यह शुगर को कंट्रोल कर सकता है.
प्रोटीन का कम सेवन भी नुकसानदायक
प्रोटीन कम खाने से शरीर मे मसल्‍स कम होने लगते हैं और पेशेंट कभी भी कमजोरी से गिर सकता है और शरीर में फ्रैक्‍चर हो सकता है. लंबे समय तक अगर डायबिटिक पेशेंट प्रोटीन ना खाए तो इससे उसके आंख और तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो सकते हैं और गिरने की संभावना और अधिक हो सकती है. लो मसल मास इंसुलिन रेसिस्‍टेंस को भी प्रभावित करता है. जब शरीर में मसल मास कम होने लगता है तो इससे शरीर में इंसुलिन का अवशोषण भी कम होने लगता है. एक हालिया शोध में ये पाया गया है कि लो मसल मास और लो प्रोटीन इंटेक फैटी लिवर डिजीज को बढ़ावा देता है. जो बाद में चलकर लिवर में सिरोसिस और कैंसर की वजह बन सकता है.
डायबिटिक पेशेंट के लिए कितना प्रोटीन जरूरी
सामान्‍य रूप से हमें रोज 15 से 20 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से मिलनी चाहिए. बॉडी वेट की बात करें तो 0.8 ग्राम प्रति किलो प्रोटीन बॉडी को जरूरत होती है. जबकि जो लोग डायबिटीज पेशेंट हैं और उन्‍हें किडनी की समस्‍या नहीं है तो उन्‍हें 1 ग्राम प्रति किलो प्रोटीन की जरूरत होती है. जिन लोगों को किडनी में समस्‍या है उन्‍हें भी 0.8 से 1 ग्राम प्रति किलो प्रोटीन का इंटेक रिकमेंड किया जाता है. जिन लोगों का वर्कआउट अधिक है वे 1 से 1.5 ग्राम प्रोटीन भी अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं.

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