जानिए कौन हैं चिपको आंदोलन की जननी और किन महिलाओं ने किया नेतृत्व
5 जून को हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत प्रकृति संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हुई थी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 5 जून को हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत प्रकृति संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हुई थी। भारत में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगों की आवाज दशकों पहले उठी, जब पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरुआत हुई। चिपको आंदोलन को 49 साल हो चुके हैं। भारत की महिलाएं जो देश की आजादी के लिए जान गंवाने से भी पीछे नहीं हटीं, उन्हीं महिलाओं ने आजाद भारत के बिगड़े पर्यावरण को बचाने, प्रकृति की रक्षा के लिए चिपको आंदोलन को एक ईको-फेमिनिस्ट आंदोलन का रूप दिया। इस आंदोलन का पूरा ताना-बाना महिलाओं ने ही बुना था। चिपको आंदोलन में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उनकी सक्रियता और भागीदारी के कारण उस दौर में सकारात्मक असर देखने को मिला। कुछ शब्दों में कहें तो चिपको आंदोलन का नेतृत्व महिलाओं ने किया था, ये कहना गलत नहीं होगा। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जानिए भारत में उत्तराखंड में साल 1973 में शुरु हुए चिपको आंदोलन में महिलाओं की भूमिका के बारे में। जानिए कौन हैं चिपको आंदोलन की जननी और किन महिलाओं ने चिपको आंदोलन का किया नेतृत्व।