जानें मानसून में कौन-कौन सी सब्ज़ियां नहीं खानी चाहिए

मानसून का महीना एक ऐसा समय है जिससे कई लोगों को प्यार होता है तो कई परेशान ज़्यादा हो जाते हैं।

Update: 2022-07-12 11:51 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानसून का महीना एक ऐसा समय है जिससे कई लोगों को प्यार होता है तो कई परेशान ज़्यादा हो जाते हैं। बरसात चिलचिलाती गर्मी, धूप और प्रदूषण से राहत दिलाती है, बारिश होने पर खुशी महसूस होती है। वहीं, इस मौसम में जगह-जगह पानी भर जाता है, बीमारियां पनपती हैं और उमस चरम पर होती है।

बारिश के इस मौसम में इम्यनिटी को मज़बूत रखने के लिए रही पोषण की भी ज़रूरत होती है। हालांकि, कुछ ऐसी सब्ज़ियां हैं, जो भले ही बेहद हेल्दी हों, लेकिन बरसात में आपको बीमारी कर सकती हैं। तो आइए जानें कि मानसून में कौन-कौन सी सब्ज़ियां नहीं खानी चाहिए।
बैंगन
इसको अक्सर आलू के साथ बनाया जाता है या फिर इसे रोस्ट कर भर्ता तैयार किया जाता है, जो भारत की सबसे पॉपुलर डिशेज़ में से एक भी है। बैंगन को अंग्रेज़ी में एगप्लांट या फिर ब्रिंजल कहा जाता है। बैंगन एल्कलॉइड का एक समृद्ध स्रोत है, जो एक तरह का टॉक्सिक केमिकल है जो कुछ सब्ज़ियां खुद को कीटनाशकों और कीड़ों से बचाने के लिए बना लेती हैं। बरसात के मौसम में कीड़ों से होने वाले इन्फेक्शन चरम पर होते हैं, इसलिए इस मौसम में इनसे बचकर रहना चाहिए। एल्कलॉइड से मतली, रैशेज़, हाइव्ज़ और दूसरी तरह की कई एलर्जी जैसे लक्षण उभर सकते हैं।
हरी पत्तेदार सब्ज़ियां
मानसून बैक्टीरिया और रोगाणुओं के प्रजनन का समय है जो हरी पत्तेदार सब्जियों को दूषित कर सकते हैं। इन सब्ज़ियों को खाने की सलाह आमतौर पर उच्च आयरन, फाइबर, ज़रूरी विटामिन्स और खनीजों की वजह से दी जाती है, लेकिन बरसात में बीमार नहीं पड़ना चाहते तो इन्हें खाने से बचना चाहिए।
फूल गोभी
फूल गोभी में नमी की मात्रा उच्च होती है, साथ ही फाइबर भी होता है जो पाचन को सही रखता है। हालांकि, सिर्फ इतना ही नहीं अगर इसे बारिश में खा लिया जाए, तो पॉपुलर सब्ज़ी आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें मौजूद ग्लूकोसाइनोलेट्स के कारण - जो एक यौगिक है और जिन लोगों को यह सूट नहीं करता, वे इसके सवन से बीमार पड़ सकते हैं।
शिमला मिर्च
शिमला मिर्च कई रंगों में आती है- लाल, पीली और हरी। यह सब्ज़ी विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो इम्यूनिटी को बढ़ावा देने का काम करती है। मानसून के दौरान चबाने या काटने पर ग्लूकोसाइनोलेट्स आइसोथियोसाइनेट्स में टूट जाते हैं। जो सांस लेने में समस्या, मतली, उल्टी और दस्त का कारण बन सकते हैं।
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