जानें, किन लोगों को होता है सोराइसिस, क्या ये बच्चों को भी हो सकता है? जानें आयुर्वेदिक वैद्य के जवाब
गठिया को जन्म दे सकती है, जिसे Psoriatic Arthritis कहते हैं।
चर्म रोग सोरायसिस को लेकर हमेशा से ही बहुत कम बात होती आई है। शायद यही एक वजह है कि इसे लेकर आज भी इतने मिथक मौजूद हैं, जिन्हें ज्यादातर लोग सच मान लेते हैं। इन मिथकों के कारण उन लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है, जो इस बीमारी से पीड़ित होते हैं। आमतौर पर उन्हें छुआ-छूत जैसे व्यवहार का सामना करना पड़ता है, क्योंकि लोगों को लगता है कि संपर्क में आने पर उन्हें भी ये रोग हो सकता है। यही वजह है कि इन मिथकों को दूर किए जाने की जरूरत है। इन्हीं मिथ्स का सच बताने के लिए नामी आयुर्वेदिक वैद्य डॉक्टर निकिता कोहली ने पोस्ट शेयर किया है।
पहले जानते हैं कि आखिर सोरायसिस है क्या?
सोरायसिस एक क्रॉनिक ऑटोइम्यून कंडिशन है, जिसमें स्किन सेल्स तेजी से बनते हैं। इस बिल्डअप के कारण त्वचा पर सफेद लेयर सी बनना शुरू हो जाती है। दरअसल, हमारे शरीर में नए सेल्स बनते हैं और ऊपर की ओर उठते हुए त्वचा के जरिए बाहर झड़ जाते हैं। ये पूरा साइकल एक महीने का होता है। हालांकि, सोरायसिस की स्थिति में ये प्रॉसेस कुछ ही दिनों में होने लगता है और सेल्स झड़ते नहीं, जिससे वो इकट्ठा होना शुरू हो जाते हैं। ये पैच आमतौर पर कोहनी, घुटनों, गर्दन और स्कैल्प पर बनते हैं।
सोरायसिस बच्चों को नहीं होता?
डॉक्टर निकिता ने अपनी पोस्ट में सोरायसिस (Psoriasis) से जुड़े कौन से मिथक और उनसे जुड़े सच शेयर किए, चलिए जानते हैं।
मिथक: सोरायसिस छूने से फैलता है।
सच: बिल्कुल नहीं।
मिथक: सोरायसिस सिर्फ बड़ों को होता है।
सच: ये बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।
मिथक: सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है।
सच: आयुर्वेद में इसका सुरक्षित और असरदार इलाज मौजूद है।
सोरायसिस का सच
ये माता-पिता से बच्चों को नहीं होती
मिथक: ये सिर्फ त्वचा पर खुजली की बीमारी है। ये ज्यादा गंभीर नहीं होती।
सच: सोरायसिस का कुछ गंभीर बीमारियों से भी संबंध है। जैसे डायबिटीज, लिवर और हार्ट की बीमारी। ये जोड़ों पर भी असर डाल सकती है और गठिया को जन्म दे सकती है, जिसे Psoriatic Arthritis कहते हैं।