जनता से रिश्ता वेबडेस्क।हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को 'फादर्स डे' मनाया जाता है। इस साल 19 जून को 'फादर्स डे' है। साल 1907 में पहली बार अनिधिकृत रूप से 'फादर्स डे' मनाया गया था। जबकि, आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत साल 1910 में हुई थी। हालांकि, 'फादर्स डे' मनाने की तिथि को लेकर जानकारों में मतभेद है। 'मदर्स डे' की तरह पिता के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए उनके प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने के लिए 'फादर्स डे' यानी पिता दिवस मनाया जाता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
फादर्स डे का इतिहास
इतिहासकारों की मानें तो 'फादर्स डे' मनाने की शुरुआत अमेरिका में हुई। ऐसा कहा जाता है कि अमेरिका की रहने वाली सोनोरा स्मार्ट डोड ने 'फादर्स डे' मनाने का प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि, लोगों ने डोड के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। उस समय लोगों ने डोड पर हास्यास्पद कमेंट कर उपहास भी किया था। आसान शब्दों में कहें तो डोड का मजाक उड़ाया था। कुछ समय बाद लोगों को डोड के प्रस्ताव और पिता की अहमियत का पता चला। उस समय से लोग 19 जून को मिलजुल कर 'फादर्स डे' मनाने लगे
'फादर्स डे' मनाने की कहानी कुछ इस तरह है। सोनोरा स्मार्ट डोड जब छोटी थी तो उनकी मां का आकस्मिक निधन हो गया। इसके बाद डोड की देखभाल उसके पिता विलियम स्मार्ट ने की। एक दिन जब डोड प्रार्थना सभा में मौजूद थी तो चर्च के बिशप ने मातृत्व शक्ति पर धर्म उपदेश दिया। इस उपदेश से डोड काफी प्रभावित हुई।उस समय डोड ने मदर्स डे की तर्ज पर 'फादर्स डे' मनाने की सोची। इसके बाद 19 जून 1909 को पहली बार डोड ने फादर्स डे मनाया। वहीं, साल 1924 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने फादर्स डे को मंजूरी दी। इसके चार दशक बाद राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने साल 1966 में यह घोषणा कि हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को 'फादर्स डे' मनाया जाएगा
फादर्स डे का महत्व
माता-पिता के प्रेम का वर्णन शब्दों में करने कठिन है। माता-पिता निःस्वार्थ भाव से बच्चों की सेवा करते हैं। पिता अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल भी होता है। पिता के पदचिन्हों पर बच्चे चलकर माता पिता का नाम रौशन करते हैं। पिता, पुत्र और पुत्री के स्वर्णिम भविष्य के लिए कठिन मेहनत करते हैं। पिता के प्यार और बलिदान के सम्मान हेतु हर साल 'फादर्स डे' मनाया जाता है। इस मौके पर लोग अपने पिता को गिफ्ट देकर, साथ में समय बिताकर, उनके कामों में हाथ बंटाकर उन्हें सम्मान देते हैं।