जानें कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल का लेवल और इसे कंट्रोल करने के लिए क्या खाएं?
कोलेस्ट्रॉल : हाई कोलेस्ट्रॉल खराब लाइफस्टाइल खान-पान और एक्सरसाइज न करने का नतीजा होता है। इसके बढ़ने की वजह से दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है जो आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकती हैं। ऐसे में आइए जानें कोलेस्ट्रॉल के बारे में सबकुछ। इसके सही लेवल डाइट और इसे कंट्रोल में करने के लिए डाइट कैसी होनी चाहिए। जानें कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल का लेवल और इसे कंट्रोल करने के लिए क्या खाएं? एक धीमे ज़हर की तरह काम करता है हाई कोलेस्ट्रॉल हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या पिछले कुछ सालों में काफी आम हो गई है। जिसकी वजह हमारी बदलती लाइफस्टाइल, खानपान और एक्सरसाइज की कमी है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना सेहत के लिए सही नहीं होता, इससे दिल की बीमारियों, बीपी आदि की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। तो आज हम जानेंगे कि कॉलेस्ट्रॉल क्या होता है, कितने तरह का होता है और क्यों बढ़ने लगता है।
क्या होता है कोलेस्ट्रॉल? कोलेस्ट्रॉल एक वैक्स जैसा पदार्थ होता है, जो शरीर की हर कोशिकाओं में पाया जाता है। शरीर की कई गतिविधियों में इसकी अहम भूमिका होती है। यह दो तरीकों से शरीर में बनता है, एक खान-पान से और दूसरा लिवर द्वारा बनाया जाता है। यह दो तरह का होता है हृदय स्वस्थ रखने में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का अहम रोल है। हमारे शरीर में यह दो तरह का होता है। गुड कॉलेस्ट्रॉल बैड कॉलेस्ट्रॉल क्या होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल का लेवल? टोटल कोलेस्ट्रॉल: 200 से कम HDL – 60 से ऊपर LDL – 130 से कम क्या है गुड और बैड कॉलेस्ट्रॉल? गुड कॉलेस्ट्रॉल खून में से अतिरिक्त कॉलेस्ट्रॉल को आर्टरी में जमने नहीं देता और इसे लिवर तक पहुंचाता है। फिर लिवर इसे शरीर से बाहर करने का काम करता है। यह ऐसे कॉलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है जिसकी जरूरत शरीर को नहीं होती है।
बैड कॉलेस्ट्रॉल आर्टरी में प्लाक जमा देता है और आर्टरी को संकुचित करदे ता है जिसे अथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। ऐसे में हृदय तक पर्याप्त मात्रा में खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है जिससे स्ट्रोक या हृदय संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने के लिए क्या खाएं पालक या अन्य पत्तेदार सब्जियां फाइबरयुक्त डाइट जैसे बीन्स, ब्रोकली फल जैसे सेब, संतरा, अंगूर, नींबू, जामुन स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी साबुत अनाज फली वाले अनाज जैसे राजमा, दाल भिंडी सोयाबीन कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने के लिए क्या न खाएं चिकन,मीट डेयरी उत्पाद रिफाइंड तेल अंडा मैदा चीनी चानक कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के क्या लक्षण हैं? कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के अचानक से कोई तीव्र लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यह धीरे-धीरे बढ़ता है और अति गंभीर स्तिथि में जाने के बाद स्ट्रोक या हार्ट अटैक जैसे रूप में सामने आता है। इसलिए इसे धीमा ज़हर भी कहा जा सकता है। शरीर में एक उचित मात्रा में इसकी अहम भूमिका भी है, लेकिन एक सीमा के बाद ये काफी हानिकारक हो जाता है। इसलिए समय–समय पर अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें और अपने खान पान को संतलित रखें।