जानिए बच्चे को अलग सुलाने के लिए क्या है सही उम्र

अगर बच्चा बड़ा हो रहा है और आप उसे अलग कमरे में शिफ्ट करने की सोच रहे हैं, तो इसके पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं. माता पिता के रूप में इस बात के लिए सब्जेक्टिव होना मुश्किल है

Update: 2022-07-01 09:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर बच्चा बड़ा हो रहा है और आप उसे अलग कमरे में शिफ्ट करने की सोच रहे हैं, तो इसके पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं. माता पिता के रूप में इस बात के लिए सब्जेक्टिव होना मुश्किल है लेकिन हर पेरेंट्स को बच्चे के नजरिए से सोचना भी ज़रूरी है. इसके अलावा, बच्चे को खुद के दम पर रहना आना भी उन्हें अलग सुलाने का एक मुख्य उद्देश्य होता है क्योंकि अगर बच्चा मां बाप के साथ ही सोता रहेगा तो वह काफी कम बाहर निकलना और अकेला रहना पसंद करेगा. उसे अकेले रहने में डर भी लग सकता है. लेकिन बहुत से पैरेंट्स का यह सवाल होता है कि बच्चे को अलग कब से रखा जाना चाहिए. उनके लिए खुद का रूम प्राप्त करने की सही उम्र क्या है. आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब. इस प्रश्न का उत्तर सभी के लिए अलग अलग हो सकता है, क्योंकि हर एक परिवार का रहने सहने का ढंग और रीति-रिवाज अलग-अलग होते हैं.

बच्चे को अलग सुलाने के लिए क्या है सही उम्र
पैरंट्यून डॉट कॉम के मुताबिक, मां बाप के लिए बच्चे को अलग सुलाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन एक बार बच्चे की तरफ से भी सोचें. बच्चे को अलग सुलाने की उम्र और इसका सही समय अपने हिसाब से चुनें क्योंकि आप ही उसे सबसे ज्यादा जानते हैं.कुछ मां बाप बच्चे को अलग रखना 5 साल की उम्र से ही शुरू कर देते हैं तो कुछ मां बाप के लिए यह उम्र 8 या 10 साल से ऊपर ही होती है. ऐसा माना जाता है कि जितना जल्दी बच्चे को अलग कमरे में शिफ्ट किया जायेगा मां और बच्चे के लिए यह अलग रहना उतना ही आसान हो पाएगा. क्योंकि बच्चे को भी कम उम्र से ही यह आदत हो जायेगी.
सावधानियां
-एक से तीन महीने के बच्चे को बेड पर ही या फिर बहुत पास के पालने में सुला सकते हैं.
-तीन से छह महीने के बच्चे को अपने पास के छोटे से पालने में सुला लें.
-छह महीने के बाद बच्चे का सोने का रूटीन बन जाता है. बच्चे को रात में खिला पिला कर सोने के लिए पालने में लिटा दें. इस समय बच्चे के पालने को खुद के बेड से अलग रख सकती हैं.
-सातवें महीने में बच्चे का अलग बेड ले सकती हैं. इसे अपने कमरे के बगल वाले कमरे में ही रखे. जब बच्चा उठ जाए तो उसके पास जा कर उसे चुप करवा कर वापिस आ जाएं.
-कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि बच्चा रात में उठ जाता है और उसके पैरेंट्स की इंटिमेसी उसे प्रभावित कर सकती है इसलिए उसे दूसरे कमरे में सुलाना ही एक अच्छा विकल्प है.
-अगर बच्चा काफी छोटा है या फिर बिलकुल ही एक या दो साल का है और बच्चे को अलग सुलाना शुरू कर रहे हैं तो यह अच्छी बात तो है लेकिन इसमें कई सारे रिस्क भी जुड़े हुए हैं. इन सभी रिस्क को कम करने के लिए और बच्चे पर नजर रखने के लिए की वह सो ही रहा है या फिर वह भूख के कारण रो तो नहीं रहा बच्चे के कमरे में एक कैमरा लगवा सकते हैं. इस की स्क्रीन अपने मोबाइल से जोड़ सकते हैं. इसलिए बच्चे की सारी हरकतों पर नजर रहती है.
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