जानिए क्या होती है प्री-डायबिटीज?
डायबिटीज के बारे में सभी लोगों ने सुना होगा, लेकिन क्या आप प्री-डायबिटीज के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो यह हर किसी के लिए जानना बेहद जरूरी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डायबिटीज के बारे में सभी लोगों ने सुना होगा, लेकिन क्या आप प्री-डायबिटीज के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो यह हर किसी के लिए जानना बेहद जरूरी है. प्री-डायबिटीज होने पर ही डॉक्टर से संपर्क कर बेहतर तरीके से इलाज करवाया जाए तो डायबिटीज की बीमारी से बचा जा सकता है. एक स्टडी के मुताबिक डायबिटीज होने से पहले अधिकतर लोगों में प्री-डायबिटीज की परेशानी हो जाती है. इसके लक्षण नहीं दिखते और एक साल के अंदर प्री-डायबिटीज से जूझ रहे तमाम लोग डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं. आज आपको प्री-डायबिटीज के बारे में महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं, जो आपको डायबिटीज से बचा सकती हैं.
क्या होती है प्री-डायबिटीज?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट के मुताबिक जब किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा हो जाता है, उस कंडीशन को प्री-डायबिटीज कहा जाता है. हालांकि इस दौरान यह लेवल डायबिटीज से कम होता है. टाइप 2 डायबिटीज होने से पहले लोगों में हमेशा प्री-डायबिटीज विकसित हो जाती है. इस कंडीशन में ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी तब होती है, जब हमारे शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंस की समस्या हो जाती है. प्री-डायबिटीज के दौरान हमारा शरीर ज्यादा इंसुलिन बनाता है, लेकिन कुछ समय बाद एक्स्ट्रा इंसुलिन बनना कम हो जाता है. इसके बाद शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है और डायबिटीज की बीमारी हो जाती है.
प्री-डायबिटीज से डायबिटीज का खतरा ज्यादा
प्री-डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोग अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं कराते, तो डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. एक स्टडी के मुताबिक प्री-डायबिटीज वाले लोगों को महज एक साल के अंदर डायबिटीज होने का खतरा 10 फीसदी होता है. जबकि लाइफटाइम में डायबिटीज होने का खतरा 70 फीसदी तक होता है. अगर सही समय पर प्री-डायबिटीज का इलाज शुरू करा दिया जाए तो डायबिटीज की समस्या से आप आसानी से बच सकते हैं. जो लोग हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाते हैं, उन्हें यह समस्या अपने आप भी खत्म हो सकती है.
प्री-डायबिटीज और डायबिटीज से कैसे बचें?
अपने शरीर का वजन सभी लोगों को कंट्रोल रखना चाहिए. सभी को अपना बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 18.5 से 25 के बीच रखना चाहिए. इसके लिए एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं.
हर दिन करीब 30 मिनट तक एरोबिक और स्ट्रैंथनिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए. इससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है और कई बीमारियों से बचाव होता है.
अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करना चाहिए और अनहेल्दी चीजों के सेवन से बचना चाहिए. शुगरी ड्रिंक्स पीने से बचना चाहिए और कैलोरी को कंट्रोल करना चाहिए.
अगर आप ज्यादा मोटापे, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं, तो समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए ताकि डायबिटीज के खतरे से बचा जा सके.
बार-बार यूरिन आना, ज्यादा भूख-प्यास, अचानक वजन घटना, अत्यधिक थकान रहना और कंफ्यूजन होने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर डायबिटीज का टेस्ट कराएं.