जानिए सैलिसिलिक एसिड से स्किन को मिलते हैं ये फायदे
स्किन की केयर को लेकर लोग पहले भी सतर्क रहते थे, लेकिन आजकल के तरीके बहुत अलग हैं. इन्हें एक तरह से ट्रिक्स भी कहा जा सकता है, जिन्हें आजमाना आजकल ट्रेंड बन गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्किन की केयर को लेकर लोग पहले भी सतर्क रहते थे, लेकिन आजकल के तरीके बहुत अलग हैं. इन्हें एक तरह से ट्रिक्स भी कहा जा सकता है, जिन्हें आजमाना आजकल ट्रेंड बन गया है. बाजार में आपको कई ऐसे प्रोडक्ट्स मिल जाएंगे, जो स्किन की केयर के अलावा उसे रेडिएंट बनाने में भी कारगर होते हैं. इन्हीं में से एक है सैलिसिलिक एसिड, ( salicylic acid skin benefits ) जिससे बनने वाले कई प्रोडक्ट्स मार्केट में मिल जाएंगे. सैलिसिलिक एसिड एक तरह का कैमिकल स्ट्रक्चर होता है, जो मुख्यत स्किन ( Skin care in summer ) से निकलने वाले एक्स्ट्रा ऑयल को ऑब्जर्व करता है.
इससे स्किन पर आने वाले ब्लैकहेड्स, वाइटहेड्स और दानों को रिमूव किया जा सकता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप सैलिसिलिक एसिड की मदद से स्किन की किन-किन परेशानियों को दूर कर सकते हैं.
एंटीबैक्टीरियल गुण
स्किन पर पिंपल्स के होने का अहम कारण ऑयल के साथ गंदगी का पोर्स में जमना होता है. आम फेस वॉश या प्रोडक्ट्स स्किन को ऊपर से तो साफ कर देते हैं, लेकिन केमिकल स्ट्रक्चर वाली खूबी बहुत कम में होती है. ऐसे में आपको सैलिसिलिक एसिड से बने हुए प्रोडक्ट्स को चेहरे पर लगाना चाहिए. इनमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण चेहरे पर जमने वाले बैड बैक्टीरिया को आसानी से रिमूव कर सकते हैं.
एक्सफोलिएशन
आमतौर पर लोग स्किन को एक्सफोलिएट करने के लिए स्क्रब या दूसरी चीजों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्सफोलिएशन में सैलिसिलिक एसिड भी बेस्ट माना जाता है. इससे स्किन की अंदर से साफ किया जा सकता है और साथ ही ये उसे रिपेयर करने का काम भी करता है. सैलिसिलिक एसिड से स्किन के डेड सेल्स को भी आसानी से रिमूव किया जा सकता है.
एक्ने और ब्लैकहेड्स को करें दूर
मौसम में मौजूद गंदगी और गलत खानपान चेहरे पर एक्ने या ब्लैकहेड्स की प्रॉब्लम क्रिएट कर सकता है. दरअसल, इस कारण स्किन में डेड स्किन सेल्स जमा हो जाते हैं और इनकी वजह से ब्लैकहेड्स, एक्ने या व्हाइटहेड्स हो जाते हैं. इन्हें रिमूव करने या इनके न होने के लिए आप सैलिसिलिक एसिड को यूज कर सकते हैं. ये काफी हद तक सीबम के प्रोडक्शन को भी कम कर सकता है.