जानिए हेपेटाइटिस के लक्षण और उपचार
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकड़ों की मानें तो हर 30 सेकंड में हेपेटाइटिस बी या सी से किसी की मृत्यु होती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकड़ों की मानें तो हर 30 सेकंड में हेपेटाइटिस बी या सी से किसी की मृत्यु होती है। हेपेटाइटिस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रतिवर्ष 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाताा है। इस घातक बीमारी के प्रसार को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए 2022 में वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे की थीम - 'हेपेटाइटिस इंतजार नहीं कर सकता,' रखी गई है। वैक्सीनेशन और चिकित्सा सुविधाओं के लगातार विस्तार के बावजूद हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों के आकड़ों में लगातार वृद्धि का कारण लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी है।
हेपेटाइटिस लिवर से संबंधित एक गंभीर संक्रमण है। इस संक्रमण के कारण लिवर की कोशिकाओं में सूजन आ जाती है, जिससे वे क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। हेपेटाइटिस का मामूली संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर संक्रमण के लिए उपचार की जरूरत पड़ती है। अगर इसके लक्षण छह महीने से कम दिखाई दें तो यह एक्यूट हेपेटाइटिस की श्रेणी में आएगा, जबकि क्रानिक हेपेटाइटिस के लक्षण अधिक लंबे समय तक रह सकते हैं। हेपेटाइटिस प्रमुख रूप से विभिन्न प्रकार के वायरस से फैलता है। ये ए, बी, सी, डी और ई के नाम से जाने जाते हैं।
हेपेटाइटिस के प्रकार
हेपेटाइटिस के वायरस का संक्रमण जिस माध्यम से फैलता है, उसके अनुसार इसे दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
जलजनित: हेपेटाइटिस ए और ई वायरस जलजनित होते हैं। ये संक्रमित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा फैलते हैं। इनसे तीव्र (एक्यूट) हेपेटाइटिस हो जाता है, जो पीलिया के रूप में सामने आता है। इसके कारण लिवर निष्क्रिय हो सकता है।
रक्तजनित: हेपेटाइटिस बी, सी और डी वायरस रक्तजनित होते हैं। ये रक्त और रक्त से संबंधित चीजों से फैलते हैं। ये सर्जिकल प्रक्रियाओं द्वारा भी फैल सकते हैं। इसलिए सर्जरी उपकरणों की स्वच्छता बहुत आवश्यक होती है। इन वायरसों के कारण एक्यूट हेपेटाइटिस और क्रानिक हेपेटाइटिस हो सकता है, जो गंभीर स्थिति में लिवर सिरोसिस में बदल जाता है। इसमें लिवर फेलियर की आशंका बढ़ जाती है। कई बार यह लिवर कैंसर का भी कारण बनता है।
आटो इम्यून हेपेटाइटिस: आटो इम्यून हेपेटाइटिस लिवर की सूजन है। यह तब होता है, जब इम्यून सिस्टम लिवर कोशिकाओं पर आक्रमण करने लगता है। इसका वास्तविक कारण पता नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसकी वजह आनुवांशिक और पर्यावर्णीय कारक हैं।
हेपेटाइटिस के लक्षण
हेपेटाइटिस के कारण बहुत से लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण 15 दिन से लेकर छह माह में दिखाई देते हैं। इसके प्रमुख लक्षण हो सकते हैं:
बुखार आना
उल्टी होना
डायरिया होना
भूख न लगना
दिल घबराना
चक्कर आना
वजन कम होना
पेट में हल्का दर्द होना
थकान और कमजोरी महसूस होना
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
यूरिन का रंग गहरा होना
उपचार
हेपेटाइटिस के संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन का इस्तेमाल भी एक प्रमुख उपाय है। वर्तमान में हेपेटाइटिस ए और बी के लिए वैक्सीन उपलब्ध है।
इसका ध्यान जरूर रखें
खानपान में साफ-सफाई का ध्यान रखें
निजी इस्तेमाल की चीजों जैसे टूथ ब्रश और रेजर किसी के साथ साझा न करें
जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं
टैटू बनवाने में संक्रमण से बचने के एहतियात जरूर अपनाएं
सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाएं
अल्कोहल के सेवन से बचें
पानी की स्वच्छता का ध्यान रखें
नवजात शिशु को हेपेटाइटिस बी का टीका जरूर लगवाएं