स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पहुंचा पहला ट्रायल, जानिए कौनसी 6 वैक्सीन होंगी कोरोना का टिका
कोरोनावायरस महामारी से जूझ रही दुनिया वैक्सीन के इंतजार में है.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क| कोरोनावायरस महामारी से जूझ रही दुनिया वैक्सीन के इंतजार में है.हालांकि, कई देशों में कोरोना के टीके का इमरजेंसी इस्तेमाल शुरू हो चुका है. भारत में सरकार अगले साल की जनवरी से लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन देने की शुरुआत कर सकती है. सरकार कई राज्यों में वैक्सीन का ड्राई रन करने जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल नौ कोरोना वैक्सीन बन रही हैं, जो ट्रायल के अलग-अलग स्तर पर हैं. इनमें से छह के क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं. आइए जानते हैं कि भारत में वैक्सीन की रेस में किस कंपनी का टीका फिलहाल सबसे आगे है.
फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक ने देश में अपनी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है. इन सभी के आवदेन पर फैसला होना अभी बाकी है. भारत की ऑरोबिंदो फार्मा और अमेरिकी के ऑरोवैक्सीन साथ मिलकर एक वैक्सीन बनी रहे हैं, जो फिलहाल प्री-डेवेलपमेन्ट स्टेज पर है.
1.कोवैक्सीन
आइसीएमआर के साथ मिलकर इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक बना रही है. मृत वायरस के इस्तेमाल से बनने वाली वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं. भारत बायोटेक ने सरकार से इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है.
2. ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनिका
ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनिका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के उत्पादन में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट इसका भारतीय पार्टनर है. दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन की स्पलाई यही करने वाली है. इसके दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल जारी हैं और इसने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सरकार से इजाजत मांगी गई है.
3. जाइकोव-डी
डीएनए आधारित कोरोना की इस वैक्सीन को कैडिला हेल्थकेयर विकसित कर रहा है. है. इसके लिए कैडिला ने बायोटेकनोलॉजी विभाग के साथ सहयोग किया है.वैक्सीन ट्रायल के तीसरे दौर में है. जाइडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन का दूसरे चरण का मानव परीक्षण 40 व्यस्कों पर किया गया था.
4. स्पुतनिक-वी
रूस की गेमालाया नेशनल सेंटर में विकसित स्पुतनिक-वी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन हैदराबाद की डॉक्टर रैडीज लैब कर रही है. वैक्सीन तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल तक पहुंच चुकी है. स्पुतनिक-वी को 91.4 फीसदी कारगर पाया गया है. बताया जा रहा है कि भारत में हर वर्ष वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक तैयार की जाएगी.
5. NVX-CoV2373
इस वैक्सीन का उत्पादन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कर रही है. इसके लिए इंस्टीट्यूट ने नोवावैक्स के साथ कोलैबोरेट किया है. सीरम इंस्टीट्यूट 2021 में एनवीएक्स-सीओवी 2373 की 1 बिलियन खुराक का निर्माण करेगा. इसके तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल पर फिलहाल विचार किया जा रहा है.
6. HGCO 19
अमेरिका की एचडीटी की mRNA आधारित इस वैक्सीन का उत्पादन पुणे की जिनोवा नाम की कंपनी कर रही है. जल्द ही इसके पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल शुरू होने वाले हैं.