जानिए पपीता खाने के फायदे

। भारत में मधुमेह के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में करीब 52 करोड़ लोग इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। बता दें कि डायबिटीज में व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।

Update: 2022-03-05 07:28 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में मधुमेह के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में करीब 52 करोड़ लोग इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। बता दें कि डायबिटीज में व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। ब्लड शुगर बढ़ने के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ जाती है।

जब शरीर कम इंसुलिन बनाता है या फिर इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, तब व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या होती है। ऐसे में इंसुलिन को लेकर डायबिटीज के मरीजों को खाने-पीने के लेकर कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। मधुमेह में फलों के सेवन को लेकर कई एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि डायबिटीज के मरीज, जिनका शुगर कंट्रोल में हो, वो हर तरह के फल खा सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। आइए जानते हैं पपीता किस तरह से फायदेमंद है।
पपीते के फायदों के बारे में जानें: फल मीठे तो होते हैं लेकिन उनमें कृत्रिम की जगह प्राकृतिक शुगर होती है और इसलिए इनमें मौजूद विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं। वहीं पपीते की बात करें तो इसमें पाया जाने वाला विटामिन, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर की भरपूर मात्रा डायबिटीज रोगी के लिए फायदेमंद रहता है।
कम शुगर वाला फल: पपीते में मध्यम ग्लाइसेमिक लेवल होने के कारण यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। पपीते में कम शुगर होने के बावजूद यह काफी मीठा होता है, लेकिन इसके अलावा पपीते में फ्लेवोनॉयड्स भी मौजूद होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने में सहायक है।
विटामिन मिनरल्स से भरपूर: पपीता विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन आदि की मात्रा से भरपूर होता है। यह सभी हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं, इसके अलावा पपीते की हाइपोग्लाइसेमिक प्रकृति के कारण, पपीता मधुमेह संबंधी हृदय रोग को रोक सकती है।
बता दें कि शरीर में इंसुलिन की कमी से होने वाली बीमारी डायबिटीज में ब्लड शुगर बढ़ने पर दिल से जुड़ी बीमारी, तनाव, सिर दर्द, आंखों की रोशनी धुंधली होना, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर समेत कई तरह की जानलेवा बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
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