जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सर्दियों के दिनों में महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना है कि आपके हाथ व पैर ठंडे न रहें। हाथ व पैर ठंडे रहने से इन हिस्सों में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है, जिससे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए हाथ व पैरों के लिए जुराब व दस्ताने का इस्तेमाल करें। आप सुबह व शाम के समय गर्म पानी के साथ हाथ व पैर भी धो सकते हैं।
सिर व छाती में हवा लगना
गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर इस बात का ध्यान रखना है कि सर्दियों की ठंडी हवा उनके सिर या छाती तक न पहुंचे। सिर या छाती में ठंडी हवा लगने से वे तुरंत बीमार पड़ सकती हैं। इसलिए सिर पर अच्छी क्वालिटी वाली टोपी और अच्छी जैकेट आदि का इस्तेमाल करें। ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल करें जिनमें से हवा न निकल पाए।
ठंडा पानी पीने की आदत
कुछ महिलाओं को ठंडा पानी पीने की आदत होती है और गर्म पानी पीने से उनकी प्यास नहीं बुझती है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से गर्म पानी ही पीना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ठंडा पानी उन्हें बीमार बना सकता है, साथ ही सर्दियों में ठंडा पानी पीने से उनके पाचन पर भी असर पड़ता है।
ठंड के अनुसार डाइट न लेना
मौसम के साथ डाइट में बदलाव होना भी जरूरी है। सर्दियों में महिलाओं ऐसे डाइट लेनी चाहिए जो उनके शरीर को गर्म रखे जैसे ड्राई फ्रूट्स, दाल, अंडे और मौसमी फल व सब्जियां आदि। हालांकि, आपको कौन से फूड्स कितनी मात्रा लेने चाहिए, इस बारे में सटीक जानकारी लेने के लिए किसी अच्छे डाईटीशियन से बात करें।
समय पर वैक्सीन न लेना
सर्दियों में फ्लू होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है, ऐसे में फ्लू की वैक्सीन ले लेना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। हालांकि फ्लू की वैक्सीन लेने से पहले अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से बात करें, जो गर्भावस्था के महीने और आपकी सेहत के अनुसार निर्णय लेंगे कि आपको वैक्सीन लगवानी चाहिए या नहीं।
न्यूज़ क्रेडिट: navyugsandesh