जानिए बच्चा नहीं खाता है तो करें ये काम
बच्चों के विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें पोषण से भरपूर भोजन दिया जाए. इसके लिए फल, सब्जियां, अंडे, दूध आदि उनके डाइट में शामिल किया जाना जरूरी होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बच्चों के विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें पोषण से भरपूर भोजन दिया जाए. इसके लिए फल, सब्जियां, अंडे, दूध आदि उनके डाइट में शामिल किया जाना जरूरी होता है. लेकिन कई माता पिता की ये समस्या होती है कि उनके बच्चे खाना नहीं चाहते और हेल्दी फूड्स को देखकर खाने से भागते हैं. ऐसे में कई पैरेंट्स फोर्स फीडिंग की मदद से उन्हें खिलाना चाहते हैं. लेकिन आपको बता दें चाइल्ड फीडिंग गाइड के मुताबिक, आपका ये तरीका बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.
दरअसल, जब हम बच्चे को जबरदस्ती खिलाते हैं या ओवर फीडिंग कराने का प्रयास करते हैं तो इससे पाचनतंत्र पर विपरीत असर पड़ता है. यही नहीं, उनके खाने के प्रति रुचि भी खत्म होने लगती है. तो आइए जानते हैं कि ओवर फीडिंग या फोर्स फीडिंग कराना कितना नुकसानदेह हो सकता है.
बच्चे को ओवरफीड या फोर्स फीडिंग करवाने के साइड इफेक्ट्स
रुची खत्म हो जाना
अगर आप बच्चे को भूख से अधिक खिलाने का प्रयास कर रहे हैं तो इससे उनका भोजन के प्रति रुचि खत्म हो जाती है. यही नहीं, खाने के प्रति नकारात्मक भावनाएं भी बच्चे के मन में घर कर जाती हैं.
भूख खत्म हो जाना
अगर आप बच्चे को जबरदस्ती खिलाने की कोशिश करते हैं या पेट भरा रहने पर भी फीड करने के लिए प्रेशर देते हैं तो इससे मानसिक रूप से उनकी भूख खत्म हो जाती है.
वजन बढ़ना
अगर आप पेट भरने के बाद भी बच्चे को खाने के लिए ब्लैक मेल कर रहे हैं या उनके मुंह में डालने का प्रयास करते हैं तो आपको बता दें कि जरूरत से अधिक खाने से बच्चों में ओबेसिटी की समस्या हो सकती है और वे मोटे हो सकते हैं.
पाचन संबंधी समस्याए
बच्चे को अगर आप जबरदस्ती खाने के लिए देते हैं तो इससे उनके पाचन तंत्र पर विपरीत असर पड़ सकता है. ऐसे में वे चबाते नहीं है और सीधा निगल लेते हैं. जिसकी वजह से पाचन तंत्र अच्छी तरह से काम नहीं कर पाता है.
बच्चा नहीं खाता है तो करें ये काम
-इस बात पर गौर करें कि आखिर बच्चा क्यों नहीं खाना चाह रहा.
–बच्चे की जगह खुद को रख कर देखें.
-उसे भूख से अधिक खिलाने से कोई फायदा नहीं, यह ध्यान में रखें.
-उन पर भरोसा करें और ध्यान दें कि सच में तो पेट में कुछ समस्या नहीं हो रही.
-एक बार में अधिक खाना देने की बजाए उसे दो या तीन बार में खिलाएं.
-उसके खाने के एक्सपेरिएंस को बोरिंग या थकाउ होने ना दें.
-अच्छे माहौल में खिलाएं.