जानिए कितना गुणकारी है सहजन
हमारे आसपास एक ऐसा पेड़ मौजूद है, जो पेड़ नहीं बल्कि मानो चलता-फिरता एक डॉक्टर है
हमारे आसपास एक ऐसा पेड़ मौजूद है, जो पेड़ नहीं बल्कि मानो चलता-फिरता एक डॉक्टर है. उस पेड़ की जड़ें, उसका तना, उसकी पत्तियां, फल, फूल सबकुछ मानो कुदरत का वरदान है. जीवन के लिए जरूरी सारे तत्व और विटामिन इस एक पेड़ में मिलते हैं. यह कोई ऐसा अनोखा पेड़ भी नहीं है, जो सिर्फ हिमालय की तलहटी में उगता हो. यह पेड़ उत्तर भारत और दक्षिण भारत में जगह-जगह सड़क के किनारे, बाग-बगीचों में यूं ही उगा हुआ दिख जाता है.
आप विटामिन सी के लिए संतरा खाते हैं, लेकिन उसमें विटामिन सी संतरे से सात गुना ज्यादा होता है. आप विटामिन ए के लिए गाजर खाते हैं, लेकिन उसमें विटामिन ए गाजर से पांच गुना ज्यादा होता है. आप पोटैशियम की कमी को पूरा करने के लिए केला खाते हैं, लेकिन उस पेड़ में पोटैशियम केले से तीन गुना ज्यादा होता है.
कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप दूध पीते हैं, दही खाते हैं, कैल्शियम की गोलियां लेते हैं, लेकिन वो एक ऐसा पेड़ है, जिसमें कैल्शियम भी दूध और दही से चार गुना ज्यादा होता है. प्रोटीन की बात करें तो बहुत कम पेड़ और उसके फल ऐसे होते हैं, जिनमें प्रोटीन पाया जाता हो, लेकिन ये ऐसा ऐसा जादुई पेड़ है, जिसमें प्रोटीन भी दही से चार गुना ज्यादा होता है.
आपकी जिज्ञासा अब चरम पर पहुंच गई होगी और आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कौन सा ऐसा जादुई वृक्ष है.
हम बात कर रहे हैं सहजन यानि मॉरिंगा की. सहजन, जो हमारे कहीं भी उगा हुआ दिख जाता है. जिसका पेड़ बहुत कम समय में बड़ा होता है और तुरंत ही फल भी देने लगता है. वह सहजन महज एक पेड़ नहीं, बल्कि प्रकृति का आशीर्वाद है. मनुष्य के शरीर को जिन भी जरूरी तत्वों की जरूरत होती है, वो सारे तत्व सहजन में उन तत्वों के बाकी प्रमुख स्रोतों के मुकाबले कई गुना ज्यादा मौजूद होते हैं.
सहजन में औषधीय गुण भी भरपूर होते हैं. इस अकेले पेड़ के फल से लेकर पत्तियों तक में 90 मल्टी विटामिन पाए जाते हैं. 300 अलग-अलग बीमारियों के इलाज में इस पेड़ के तने, पत्तों और फल का प्रयोग होता है. इसमें 17 प्रकार के एमिनो एसिड होते हैं, जो शरीर के लिए अनिवार्य एमिनो एसिड की श्रेणी में आते हैं.
गांवों में जानवरों के चारे में सहजन की पत्तियां मिलाकर खिलाई जाती हैं, जिससे जानवरों के दूध की मात्रा और उसकी गुणवत्ता दोनों बढ़ जाती है. पुराने समय में खेती की पैदावार बढ़ाने के लिए भी सहजन को खाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता था.
प्रकृति के साथ एकाकार होकर जीवन जीने वाला मनुष्य सहजन के गुणों के वाकिफ है और उसका जीवन में खान-पान से लेकर अन्य रूपों में प्रयोग करता रहा है. अब शरीर कंक्रीट के जंगलों में से यह पेड़ नदारद होता जा रहा है. यदि आपके आसपास यह वृक्ष मौजूद है तो उसकी सुरक्षा करें. अगर आपके आसपास जमीन है तो सहजन का पेड़ लगाएं. यह महज एक पेड़ नहीं, हमारे आसपास मौजूद डॉक्टर है.