जानिए कैसे होते हैं ग्रीन पटाखे और क्या इनसे धुआं नहीं निकलती?
ग्रीन पटाखों
दिवाली को अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं और दिवाली के आगमन के साथ ही पटाखों पर चर्चा होने लगी है. राज्य सरकारों की ओर से गाइडलाइन आने लगी हैं, जिनमें पटाखों को बैन करने, उन्हें इजाजत देने या नहीं देने की बात कही जा रही है. इसके साथ ही एक नाम फिर से खबरों में आने लगा है और वो है ग्रीन पटाखें. दरअसल, कई राज्यों ने सामान्य पटाखों पर बैन लगाते हुए ग्रीन पटाखों की इजाजत दी है. इसके बाद से लोग फिर से ग्रीन पटाखों को लेकर सवाल पूछले लगे हैं कि आखिर ये बला क्या है?
ऐसे में जानते हैं कि आखिर ग्रीन पटाखे क्या हैं और दिखने में कैसे होते हैं. क्या इन पटाखों से धुआं नहीं निकलती है और धुआं निकलती है तो फिर यह किस तरह से पर्यावरण के लिए ठीक माना जाता है. आइए जानते हैं ग्रीन पटाखों से जुड़ी हर एक बात, ताकि आप भी इनके बारे में समझ पाएंगे…
क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
वैसे आम भाषा में समझें तो वे पटाखे, जिनसे प्रदूषण कम होता है और यह पर्यावरण के लिए भी सही होते हैं. ग्रीन पटाखों को खास तरह से तैयार किया जाता है और माना जाता है कि इससे प्रदूषण काफी कम होता है. दरअसल, इन पटाखों से 30-40 फीसदी तक प्रदूषण को कम किया जाता है. साथ ही ग्रीन पटाखों में वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले नुकसानदायक कैमिकल नहीं होते हैं.
ग्रीन पटाखों के लिए कहा जाता है कि इसमें एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और किया भी जाता है तो इसकी मात्रा काफी कम होती है. इससे वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है.
कहां मिलेंगे पटाखे?
कुछ साल पहले तो कुछ संस्थाएं ही इस निर्माण कर रही थी, लेकिन अब इसका प्रोडक्शन बड़े स्तर पर हो रहा है. ऐसे में सरकार की ओर से रजिस्टर्ड दुकान पर आसानी से ग्रीन पटाखे खरीदे जा सकते हैं.
कैसे होते हैं?
ग्रीन पटाखे दिखने में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं और ग्रीन पटाखों की कैटेगरी फुलझड़ी, फ्लॉवर पॉट, स्काईशॉट जैसे सभी तरह के पटाखे मिलते हैं. इन्हें भी माचिस की तरह जलाया जाता है, इसके अलावा इनमें खुशबू और वाटर पटाखे भी जाते हैं, जिन्हें अलग तरह से जलाया जाता है.
क्या रोशनी नहीं होती है?
ऐसा नहीं है कि इन पटाखों से रोशनी नहीं होती है. यह भी सामान्य पटाखों वाला फील देते हैं, बस ये पर्यावरण के अनुकूल होते हैं. साथ ही आपको बता दें कि इन पटाखों को जलाने पर धुआं निकलती है और इसकी मात्रा कम होती है.
कीमत में कितना है फर्क?
अगर कीमत की बात करें तो यह सामान्य पटाखों से थोड़े महंगे होते हैं. जैसे जिन पटाखों के लिए आपको 250 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं, उन पटाखों के लिए आपको ग्रीन पटाखों की कैटेगरी में 400 रुपये से ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है.