वजन की समस्या कई दूसरी बड़ी बीमारियों को न्यौता देती है. क्या आप जानते हैं कि डायटिंग इसका उपचार नहीं है. अगर आप वजन कम करने के लिए डायटिंग को अब तक सबसे बेस्ट समझ रहे थे तो आप सबसे बड़ी गलती कर रहे हैं. अब आप डायटिंग को कहें बाय-बाय, कम खाने या ना खाने से... वजन कम नहीं होता बल्कि ये तेजी से बढ़ता है. ये सच है और इसका प्रमाण न्यू जर्सी की रटगर्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर चार्लोट मार्के ने दिया है. कई देशों के 6000 लोगों पर ये रिसर्च की गई. इस रिसर्च में तीन तरह की ईटिंग हेबिट वाले लोगों को रखा गया.
- भूख लगने पर खाना
- इमोशनल होकर खाना
- काफी कम खाना या डायटिंग करना
इस रिसर्च में ये बात सामने आयी जो लोग कम खाते हैं या डायटिंग करते हैं इसका असर उन पर उल्टा होता है. ना वजन कम होता है और इससे उनकी फिज़िकल और मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है. कम खाने का सीधा असर सबसे पहले आपकी साइकोलॉजी पर पड़ता है.
जो लोग सिर्फ भूख लगने पर खाना खाते हैं और जितनी भूख होती है उतना खाते हैं खुद को रोकते नहीं या जबरदस्ती या स्वाद में ज्यादा नहीं खाते इन लोगों का वजन तेजी से कम होता है या यूं कहें बढ़ता ही नहीं. ये लोग खुश रहते हैं और इनमें कमाल की ऊर्जा भी देखी जा सकती है.
ब्रिटिश जर्नल ऑफ हेल्थ साइकोलॉजी में एक रिसर्च पब्लिश हुई है जिसमें ये बताया गया है कि जो लोग भूख लगने पर खाना नहीं खाते या डायटिंग करते हैं या खाने से खुद को रोकते हैं वो दूसरों को मुकाबले ज्यादा गुस्सैल और चिड़चिड़े होते हैं.
तो अगर अब तक आप भी यही सोच रहे थे कि वजन कम करने के लिए डायटिंग सबसे अच्छा विकल्प है तो इसे अपनी लिस्ट से आज ही बाहर कर दीजिए. खाना खाएं लेकिन क्या खा रहे हैं इसका ध्यान रखें. ऑयली फूड, जंक फूड या कोई भी स्ट्रीटफूड खाने से बचें. सबसे अच्छा आहार घर का होता है. घर पर बनीं रोटी सब्जी खाने से वजन नहीं बढ़ता.
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