जाने किस उम्र में लड़कियों को वैक्सिंग, थ्रेडिंग और प्लकिंग शुरू करना चाहिए
आजकल लड़कियां अर्ली टीनएज में ही अपने लुक्स को लेकर बेहद सचेत हो जाती हैं. वैक्सिंग, थ्रेडिंग और प्लकिंग जैसे तरीक़ों की मदद लेने लगती हैं. इस बात से सबसे अधिक चिंता होती है उनकी मम्मियों को. यह छोटा-सा आर्टिकल उन सभी मम्मियों के लिए, जो जानना चाहती हैं कि उनकी बेटी अपनी आई ब्रोज़ को सही शेप में रखने के लिए वैक्सिंग की शुरुआत कब से कर सकती है?
सबसे पहले पता करें कि आपकी टीनएजर बेटी ऐसा क्यों करना चाहती है?
ज़्यादातर टीनएजर्स हेयर रिमूवल की शुरुआत के लिए कहती हैं,‘हमारी उम्र की सभी लड़कियां ऐसा करती हैं.’ पर यह कोई अच्छा बहाना नहीं है. देखा जाए तो टीनएज में पहुंचते ही लड़कियां अपने लुक्स को लेकर बेहद सजग हो जाती हैं. अपने अपने लुक्स और शरीर की तुलना अपनी क्लासमेट्स और सहेलियों से करने लगती हैं. जब उन्हें अपने और उनके लुक्स में बहुत ज़्यादा फ़र्क़ नज़र आता है तब वे असहज हो जाती हैं. भले ही यह फ़र्क़ बहुत ज़्यादा न हो, पर उनके दिमाग़ में यह बात घर कर जाती है. वह ख़ुद को अलग और अजीब महसूस करने लगती हैं. तो सबसे पहले आप अपनी बेटी के साथ इत्मीनान से बैठ जाएं और उसके द्वारा अचानक बॉडी हेयर रिमूवल कराने या आई ब्रो को शेप कराने की ज़िद या आग्रह को समझने की कोशिश करें. अगर वह कहे कि उसके बालों की ग्रोथ बहुत ज़्यादा है या वह ऐसा हाइजीनिक कारणों के चलते करना चाहती है तो हमें लगता है कि 13 से 16 की उम्र एक टीनएजर के लिए पहला वैक्सिंग या थ्रेडिंग अनुभव लेने के लिहाज़ से सही है.
अगर बेटी की मांग सही लगे तो उसके बाद इसके विकल्पों पर चर्चा करें
जब एक बार आपने बच्ची को हेयर रिमूवल कराने की सहमति दे दी है तब आपको इसके विकल्पों के बारे में सोचना शुरू करना चाहिए. शरीर के बालों से छुटकारा पाने के तरीक़ों में केवल वैक्सिंग ही एकमात्र नहीं है. शेविंग, डेपिलेटरी क्रीम्स, एपिलेटर्स जैसे दूसरे कम दर्द वाले विकल्प भी उसके पास हैं. अगर आपकी बेटी की त्वचा बेहद संवेदनशील है तब वैक्सिंग से उससे न केवल दर्द होगा, बल्कि जलन भी हो सकती है. घर पर वैक्सिंग न ट्राय करें, क्योंकि हर किसी के बालों की ग्रोथ अलग-अलग होती है. इसलिए बेटी की वैक्सिंग की ज़िम्मेदारी आपको एक्सपर्ट पर छोड़ देनी चाहिए.
इसका इस्तेमाल आपसी प्यार बढ़ाने के लिए करें
बेटी होने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप दोनों सलून में एक साथ जाकर वहां मदर-डॉटर टाइम बिता सकती हैं. अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकालकर अपनी बेटी के साथ समय बिताना मज़ेदार साबित हो सकता है. इसलिए आगे बढ़ें और बेटी के साथ सलून डे प्लान करें. ऐसा करके आप कुछ समय के लिए ही सही फ़ोन की दुनिया से बाहर लाकर, उसे असल दुनिया से जोड़ सकेंगी.