जानिए स्वामी विवेकानंद जी के प्रसिद्ध संदेशों के बारे में..

हर साल, 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के तौर पर मनाया जाता है। उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक नेताओं और विद्वानों में से एक माना जाता है।

Update: 2022-07-04 07:31 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर साल, 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के तौर पर मनाया जाता है। उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक नेताओं और विद्वानों में से एक माना जाता है। विवेकानंद ने योग और वेदांत के दर्शन को पश्चिम देशों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में अपने भाषण के लिए जाना जाता है। स्वामी विवेकानंद जी भारत के आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने दुनिया भर को हिंदुत्व और आध्यात्म का पाठ पढ़ाया। स्वामी विवेकानंद ने कम उम्र में जो ज्ञान हासिल किया, उसके बाद वह युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए। उन्होंने इस धर्म संसद में अपने भाषण की शुरुआत 'अमेरिका के मेरे भाइयों और बहनों' के साथ थी। स्वामी विवेकानंद का निधन मात्र 39 वर्ष की उम्र में 4 जुलाई, 1902 को हुआ। उनके अधिकतर भाषण युवाओं को संबोधित करते हुए होते थे। स्वामी विवेकानंद जी ने कुछ खास संदेश दिए थे। आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद जी के प्रसिद्ध संदेशों के बारे में।

एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना। स्वयं पर विश्वास करो।
ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।
वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।
एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसे बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो।
अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो।
यही सफल होने का तरीका है।
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