शिशु की गर्भनाल को इंफेक्शन से बचाने के लिए रखे इन बातों का ध्यान

नवजात शिशु जब जन्म लेता है, तो उसकी नाभि (Navel) में आपने एक नाल देखा होगा, इसे गर्भनाल कहा जाता है.

Update: 2022-06-11 10:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नवजात शिशु जब जन्म लेता है, तो उसकी नाभि (Navel) में आपने एक नाल देखा होगा, इसे गर्भनाल कहा जाता है. यह नवजात की शरीर का छोटा, लेकिन खास हिस्सा होता है. गर्भ में रहते हुए इसी गर्भनाल (Umbilical cord) के ज़रिए पोषण तत्व शिशु तक पहुंचते हैं. जब शिशु जन्म लेता है तो इस गर्भनाल को काटकर ही शिशु और मां को अलग किया जाता है.हालांकि गर्भनाल का कुछ हिस्सा शिशु के शरीर से जुड़ा रहता है. जो कि कुछ दिनों के बाद सूख कर अपने आप बच्चे के शरीर से अलग हो जाता है.

देखरेख में लापरवाही की वजह से शिशु की गर्भनाल में इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है, जिससे शिशु को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ज़रूरी है कि जब तक शिशु की गर्भनाल पूरी तरह सूख कर अलग न हो जाए. मायोक्लिनिक के मुताबिक गर्भनाल की देखभाल अच्छी तरह से देखभाल बेहद ज़रूरी है, ताकि नवजात को किसी तरह का इंफेक्शन न हो.
गर्भनाल की सफाई पर ध्यान दें
बच्चे की गर्भनाल की सफाई करना बेहद ज़रूरी है, जिससे उसको किसी तरह का इंफेक्शन होने का ख़तरा न हो. इसके लिए पानी को अच्छी तरह से उबाल कर ठंडा कर लें और डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही इसमें कुछ बूंद एंटीसेप्टिक लिक्विड मिक्स करें. इसके बाद रुई को इसमें डुबोकर निचोड़ लें. इस कॉटन से गर्भनाल के निचले हिस्से की हल्के हाथों से सफाई करें. सफाई के लिए रुई का टुकड़ा तब तक बदलते रहें जब तक गर्भनाल अच्छी तरह साफ न हो जाए.
गर्भनाल को सूखा रखना है ज़रूरी
इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चे की गर्भनाल हमेशा सूखी रहे.इस पर पानी न पड़े, इस बात का ख़ास ध्यान रखें. साथ ही इस हिस्से को हमेशा खुला रखने की कोशिश करें, जिससे यह हवा के संपर्क में रहे और जल्दी से जल्दी सूख सके. बच्चे को डायपर या नैपी पहनाते समय भी इस बात का ख्याल रखें कि गर्भनाल का हिस्सा इसमें कवर न हो. साथ ही ध्यान रखें कि नैपी ज़्यादा टाइट न हो.
एंटी-सेप्टिक का इस्तेमाल करें
गर्भनाल को इंफेक्शन से बचाने के लिए डॉक्टर की सलाह से इस पर एंटी-सेप्टिक दवा का इस्तेमाल करें. जिससे बच्चे को किसी तरह की दिक्कत न हो. साथ ही गर्भनाल जल्द से जल्द सूख कर शिशु के शरीर से अलग हो सके.
ढीले कपड़े पहनाएं
गर्भनाल में रगड़ न लगे, इसके लिए इस बात का भी ध्यान रखें कि शिशु को अधिक चुस्त कपड़े न पहनाएं. इसके साथ ही ये भी ध्यान रखें कि बच्चे को कॉटन के कपड़े ही पहनाएं. कपड़े साफ और धुले हुए हों, ताकि गर्भनाल में किसी तरह का इंफेक्शन न होने पाए.
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