फिश स्पा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

फिश स्पा करने के लिए कांच के एक जार या टब पानी डालकर पेडिक्योर किया जाता है।

Update: 2023-03-06 16:38 GMT
खुद को सुंदर और बेहतर दिखाने के लिए महिलाएं कई तरह के उपाय अपनाती हैं। फेशियल, वैक्सिंग से लेकर मेनिक्योर और पेडिक्योर तक महिलाएं अपनी खूबसूरती के लिए काफी कुछ करती हैं। परफेक्ट लुक पाने के लिए इन दिनों कई तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा लोग खूबसूरत दिखने के लिए कई महंगे प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आजकल लोगों के बीच पेडिक्योर का एक नया तरीका काफी प्रचलित हो चुका है। लोग इन दिनों फिश स्पा का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं। मसाज के इस नए तरीके के जरिए लोग अपने पैरों को सुंदर बनाने के साथ ही रिलैक्सेशन भी हासिल कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको आराम देने वाला यह फिश स्पा आपके लिए काफी हानिकारक भी साबित हो सकता है। अगर आप भी फिश स्पा के शौकीन हैं या इसे कराने का विचार बना रहे हैं, तो इससे होने वाले नुकसानों के बारे में जरूर जान लें।
क्या है फिश स्पा
फिश स्पा एक तरह की थैरेपी है, जिसमें गर्रा रूफा नाम की मछलियों का इस्तेमाल किया जाता है। आकार में बेहद छोटी यह मछलियां आपके पैरों में धीरे-धीरे काटती हैं, जिससे आपको हल्की गुदगुदी का अहसास होता है। पैरों की काटने के दौरान यह मछलियां आपको पैर में मौजूद बैक्टीरिया और डेड स्किन को निकालकर अलग कर देती है। इससे न सिर्फ आपके पैर सुंदर होते हैं, बल्कि आपको काफी आराम भी मिलता है। गर्रा रूफा मछली के काटने से आपके शरीर को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। मछली की इस किस्म का कई चिकित्सा प्रणाली में इस्तेमाल किया जाता है। गर्रा रूफा मछली सिरोसिस और मस्सा नामक पैरों की बीमारियों को दूर में भी कारगर है। लेकिन फिश स्पा में इनके इस्तेमाल से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
इन्फेक्शन का खतरा
इस थैरेपी को कराने से इन्फेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है। दरअसल, इन मछलियों में मौजूद बैक्टीरिया से इन्फेक्शन और निमोनिया का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर आपके पैर पर इस दौरान कोई गहरा कट लग जाए, तो भी गंभीर इन्फेक्शन हो सकता है।
बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा
विशेषज्ञों की मानें तो फिश स्पा कराने से एड्स, एचआईवी, सोरायसिस, एग्जिमा समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल, जब यह मछलियां किसी बीमारी से संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद आपको काटती है, तो इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा अगर कोई बीमार मछली आपके संपर्क में आती हैं, तो भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
त्वचा को होता है नुकसान
फिश स्पा के दौरान आपकी त्वचा को नुकसान होने का भी खतरा बना रहता है। अगर पेडिक्योर सही तरीके से नहीं हो पाया तो इससे आपकी त्वचा रफ, बंपी और अनइवेन हो सकती है। इतना ही नहीं कई बार मछलियों के जोर से काटने की वजह से आपको घाव भी हो सकता है।
अनहाइजीन होता है फिश स्पा
फिश स्पा करने के लिए कांच के एक जार या टब पानी डालकर पेडिक्योर किया जाता है। इस जार में मछलियां पहले से ही मौजूद रहती हैं। लेकिन कई बार इन जार या टब में मौजूद में पानी को कई दिनों तक बदला नहीं जाता, जिससे इसमें काफी गंदगी जमा हो जाती है, जो आपके पैरों से आपके शरीर में प्रवेश कर सकती है।

फिश स्पा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

फिश पेडीक्योर कराते समय अगर आपके पैरों से अचानक खून निकलने लगे तो अपना पैर तुरंत जार से बाहर निकाल लें।
अगर आपको पहले ही कोई चोट या घाव है, तो भूलकर भी फिश पेडीक्योर न कराएं।
अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं या आपकी इम्युनिटी कमजोर है, तो भी आपको फिश स्पा नहीं कराना चाहिए।
अगर आपके पैरों में चोट लगी हो तो फिश स्पा करवाने से बचें, क्योंकि बाद में यह इन्फेक्शन की वजह बन सकता है।
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