क्या बैठे-बैठे पैर हिलाना बीमारी है

Update: 2023-05-14 14:49 GMT
क्या आप भी कुर्सी या कहीं बैठे-बैठे पैर को हिलाते हैं? घरों में अक्सर बड़ों को कहते सुना होगा कि पैर हिलाना अशुभ होता है लेकिन कुछ लोग इसे आदत भी मानते हैं. आपको बता दें कि बैठे-बैठे लगातार पैर हिलाना आदत नहीं बीमारी है. इसका सेहत पर निगेटिव असर पड़ता है. यह बात विज्ञान भी मानता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह आदत एक बीमारी है, जिसे रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (Restless Legs Syndrome) कहते हैं. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के रिसर्चर के अनुसार, लगातार पैर हिलाने से हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है. इससे घुटनों और जोड़ों के दर्द की समस्या भी आपको परेशान कर सकती है. पैरों की नसों पर दबाव पड़ने से भी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी, इससे होने वाले नुकसान और इसका इलाज...
बैठे-बैठे पैर हिलाने की बीमारी क्या है
इस बीमारी को रेस्टलेस सिंड्रोम कहते हैं. यह नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारी है.पैर हिलाने से शरीर में डोपामाइन हॉर्मोन रिलीज होता है. इस वजह से पैर हिलाना अच्छा लगता है. इसी वजह से इस आदत को बार-बार दोहराया जाता है और फिर यह आदत बन जाती है. इसे स्लीप डिसऑर्डर भी कहा जाता है, क्योंकि कंप्लीट नींद न होने पर शरीर थक जाता है और थकान की वजह से पैर हिलाने की आदत भी लग सकती है.
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का कारण
जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की समस्या होने लगती है. बढ़ता वजन, नींद की कमी, कम फिजिकल एक्टिविटी, नशीली चीजों का सेवन इस बीमारी का मुख्य कारण हैं.
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षण
पैरों में झनझनाहट महसूस होना
पैरों में जलन होना
पैरों में खुजली और दर्द होना
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का इलाज
रात में कम से कम 8 घंटे की कंप्लीट नींद लें.
नियमित रूप से एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करें.
डाइट पर खास ध्यान दें. आयरन से भरपूर चीजें जैसे- पालक, चुकंदर का सेवन करें.
कैफीन वाली चीजें, सिगरेट-शराब से दूरी बनाएं.
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