स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जाने डायबिटीज से संबंधित जरूरी सवाल
वर्ल्ड डायबिटीज डे 2021 के अवसर पर अमर उजाला ने खास पहल करते हुए वेब शो के माध्यम से लोगों के बीच डायबिटीज को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे डायबिटीज के मामले स्वास्थ्य संगठनों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो दुनियभर में 42 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज के शिकार हैं, इनमें सबसे ज्यादा संख्या भारत से है। भारत में हर साल डायबिटीज के लाखों नए मामलों का निदान किया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी के कारण डायबिटीज के मामले सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। इसके अलावा आनुवांशिकता, जीन और मेडिकल कंडीशन भी इस गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। दुनियाभर में तेजी से बढ़ती जा रही इस समस्या के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 नवंबर को 'विश्व मधुमेह दिवस' मनाया जाता है।
वर्ल्ड डायबिटीज डे 2021 के अवसर पर अमर उजाला ने खास पहल करते हुए वेब शो के माध्यम से लोगों को डायबिटीज के बारे में जागरूक करने कोशिश की। इस कार्यक्रम में उजाला सिग्नस हॉस्पिटल्स के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बड़ी ही बारीकी से डायबिटीज से संबंधित तमाम मुद्दों के बारे में बताया। आइए ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जानते हैं।
सवाल: क्या मीठा खाने से डायबिटीज होता है?
उजाला सिग्नस हॉस्पिटल कैथल के डॉ शिवम बताते हैं, ऐसा जरूरी नहीं है कि मीठा खाने से ही डायबिटीज होता है, हां जिन लोगों को डायबिटीज का आनुवांशिक जोखिम अधिक होता है, या जिनमें प्रीडायबिटिक कंडीशन होती है, ऐसे लोगों को ज्यादा मीठा खाने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज की समस्या है और वह बहुत अधिक मीठा खाते हैं, ऐसे लोगों में डायबिटीज के कारण तमाम तरह की गंभीर जटिलताओं का खतरा अधिक होता है।
घर पर ही कैसे जानें कि आपको डायबिटीज है?
उजाला सिग्नस हॉस्पिटल करनाल के डॉ आबिद बताते हैं, डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में लोगों को पॉलीयूरिया या बार-बार पेशाब आने की समस्या, बहुत भूख और प्यास लगने की समस्या हो सकती है। पर ऐसा नहीं है कि हर किसी में एक जैसे ही लक्षण हों, इसके अलावा यह सभी लक्षण अन्य किसी समस्या के कारण भी हो सकते हैं। हालांकि यदि ऐसे लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं तो इस बारे में डॉ से संपर्क जरूर करना चाहिए।
लाइफस्टाइल सही न हो तो भी हो सकती है डायबिटीज की समस्या?
उजाला सिग्नस हॉस्पिटल वाराणसी के डॉ नीरज बताते हैं, टाइप 1 डायबिटीज में अग्नाशय में बीटा कोशिकाएं खत्म हो जाती है, इसके कई कारण हो सकते हैं। वहीं टाइप 2 डायबिटीज के कारकों में लाइफस्टाइल को मुख्य माना जाता है। सोने-जागने के समय में अनियमितता, फास्ट फूड, सोडा, अल्कोहल आदि का सेवन और लगातार बैठे रहने की आदत इस प्रकार के डायबिटीज को जन्म दे सकती है।
किन शारीरिक समस्याओं के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है?
डॉ आबिद बताते हैं, डायबिटीज के कारणों में सबसे पहले मेटाबॉलिक सिंड्रोम को मुख्य माना जाता है। इसमें मोटापा, उच्च रक्तचाप, फास्टिंग ब्लड शुगर का 90-110 के बीच रहना जोखिम कारक हो सकता है। इसके अलावा यदि माता-पिता को डायबिटीज है तो बच्चों में इसका खतरा अधिक होता है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी रहने की आवश्यकता है।
क्या डायबिटीज जीवनभर रहने वाली बीमारी है?
डॉ आबिद बताते हैं, जिन लोगों को टाइप-1 डायबिटीज की समस्या होती है, उनमें इसे ठीक नहीं किया जा सकता है, इसका मुख्य कारण ऐसे लोगों के अग्नाशय में इंसुलिन बनाने की जगह ही प्रभावित हो जाती है। ऐसे लोगों को इंसुलिन देकर इसको नियंत्रित किया जाता है। वहीं जिनको टाइप-2 डायबिटीज होती है, उनमें दवाइयों और इंसुलिन को साथ इसे नियंत्रित किया जाता है। मसलन दोनों ही प्रकार के डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है, जड़ से खत्म नहीं।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।