यूरिन इंफेक्शन से पाना चाहते छुटकारा, तो दवाईयों का सेवन नहीं, रोज करें ये योगासन
यूरिन इंफेक्शन की समस्या का सामना लगभग सभी महिलाओं को करना पड़ता है. इसका कारण लाइफस्टाइल में बदलाव, और हाईजीन होता है. कई महिलाओं को महीने में 3 से 4 बार यूरिन इंफेक्शन (Urine Infection) का सामना करना पड़ता है.
जनता से रिश्ता वेबडस्क | यूरिन इंफेक्शन की समस्या का सामना लगभग सभी महिलाओं को करना पड़ता है. इसका कारण लाइफस्टाइल में बदलाव, और हाईजीन होता है. कई महिलाओं को महीने में 3 से 4 बार यूरिन इंफेक्शन (Urine Infection) का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बहुत सी महिलाएं यूरिन इंफेक्शन की समस्या से निपटने के लिए महिलाएं दवाईयों का सहारा भी लेती हैं लेकिन आप कुछ योगासनों के जरिए यूरिन इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. आइए जानते हैं इन योगासनों (Yogasana) के बारे मेंबढ़ने लगे हैं आंखों के नीचे डार्क सर्कल? रोजाना करें ये 4 योगासन, जल्द मिल जाएगा छुटकारा
उत्कटासन- सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं. दोनों हाथों को आगे की तरफ फैलाएं. हथेली नीचे की तरफ रहेगी. हाथ सीधे रहें और कुहनियां मुड़ी हुई न हों. घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और पेल्विस को नीचे की तरफ ले जाएं. इतना झुकें, जैसे आप किसी काल्पनिक कुर्सी पर बैठे हुए हों. इतना आराम से बैठें जैसे आप कुर्सी पर बैठकर अखबार पढ़ रहे हों. इस दौरान हाथ एकदम सीधे रहेंगे. रीढ़ की हड्डी पूरी लंबाई में सीधी होनी चाहिए. इनमें से कर लें कोई भी एक योग, कुछ ही दिनों में कम हो जाएगा लटकता हुआ बैली फैट
त्रिकोणासन- दोनों पैरों के बीच 2 से 3 फुट का फासला छोड़कर सीधे खड़े हो जाए. दायें पैर को दायीं ओर मोड़कर रखे. अपने कंधो की उचाई तक दोनों हाथों को बगल में फैलाए. अब श्वास ले और दायीं ओर झुके. झुकते समय नजर सामने रखे. दायें हाथ से दायें पैर को चुने की कोशिश करे. बायां हाथ सीधा आकाश की और रखे और नजर बायें हाथ की उंगलियों की और रखे. अब वापस सीधी अवस्था में लौटकर दूसरी और भी हाथ बदलकर यह अभ्यास करे. ऐसे कम से कम 20 बार करे. दवाई नहीं इन 3 योगासनों से दूर करें पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या, जड़ से खत्म हो जाएगी ये बीमारी
मलासन- घुटनों को मोड़कर मल त्याग करने वाली अवस्था में बैठें. दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर घुटनों पर टिका दें. दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में मिलाएं. हाथ जोड़कर नमस्कार की मुद्रा बना लें. इस आसान में आपको धीरे-धीरे सांस को अंदर और बाहर छोड़ना है. आप कुछ देर इसी स्थिति में बैठें.