लिवर सिरोसिस से बचना है तो इस बात का रखें विशेष ध्यान

लिवर, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में खान-पान और लाइफस्टाइल की समस्याओं के कारण लिवर से संबंधित कई तरह की बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ गया है।

Update: 2022-07-03 11:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लिवर, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में खान-पान और लाइफस्टाइल की समस्याओं के कारण लिवर से संबंधित कई तरह की बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ गया है। लिवर सिरोसिस ऐसी ही एक गंभीर समस्या है। सिरोसिस को लिवर की बीमारियों के सबसे उन्नत चरणों में से एक माना जाता है, अगर समय रहते इसका इलाज न कराया जाए तो इसके कारण लिवर फेलियर की समस्या होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।

सामान्यतौर पर बहुत अधिक शराब पीने वाले लोगों या हेपेटाइटिस का शिकार रह चुके लोगों में इस समस्या के मामले अधिक देखे जाते रहे हैं। इसके अलावा नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज वाले लोगों में भी लिवर सिरोसिस होने का खतरा रहता है।
लिवर की बीमारियों के कारण, विशेषकर लिवर सिरोसिस के बारे में जानने के लिए किए गए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि जीवनशैली के कुछ कारक भी इस खतरे को बढ़ा सकते हैं, इसमें बढ़ते मोटापे को प्रमुख माना गया है। इस आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि हम सभी बढ़ते वजन की समस्या को कंट्रोल कर लेते हैं तो लिवर सिरोसिस को खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि मोटापा किस तरह से लिवर की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है?
मोटापा और लिवर सिरोसिस का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर का वजन बढ़ने की स्थिति में अतिरिक्त फैट, लिवर में भी जमा होने लगता है, जिससे लिवर का सामान्य कामकाज प्रभावित हो जाता है। यह आगे चलकर लिवर सिरोसिस या फिर लिवर में घाव जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। लिवर सिरोसिस की समस्या के शिकार अधिक वजन वाले लोगों में पेट में जलोदर नामक तरल पदार्थ जमा होने लगता है जो अत्यधिक दर्द और गैस का कारण बनता है। इस तरह के संकेतों को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
लिवर सिरोसिस के लक्षणों के बारे में जानिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि सिरोसिस के लक्षण आपकी बीमारी किस चरण में है, उसके आधार पर हो सकते हैं। कई बार शुरुआती चरणों में कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। बीमारी के बढ़ने के साथ शरीर में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहना चाहिए।
भूख में कमी।
कमजोरी या थकान महसूस होना।
जी मिचलाना।
अक्सर बुखार रहना।
अप्रत्याशित रूप से वजन घटना।
बचाव के लिए वजन को रखें कंट्रोल
लिवर रोग विशेषज्ञ कहते हैं, लिवर सिरोसिस जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए शराब जैसे कारकों से परहेज के साथ वजन को नियंत्रित रखना सबसे आवश्यक माना जाता है। अधिकांशत: लिवर डैमेज को ठीक नहीं किया जा सकता है, ऐसे में सिरोसिस के लक्षणों की पहचान और इस बीमारी से बचाव के उपायों को लेकर सभी लोगों को ध्यान देते रहना चाहिए, भले ही आपको लिवर से संबंधित कोई दिक्कत न हो। वजन को कम रखकर इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कैसा रखें खान-पान?
लिवर की समस्याओं से बचाव और इस अंग को स्वस्थ बनाए रखने में खान-पान के चुनाव की विशेष भूमिका होती है। जिन लोगों को इस तरह की समस्या है उन्हें पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा प्रोटीन और विटामिन्स वाली चीजों के अधिक सेवन के साथ आहार में नमक की मात्रा को कम करके आप लिवर की बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। लिवर की समस्याओं से सुरक्षित रहने के लिए शराब से बिल्कुल दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है।
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