स्लीपिंग पिल्स लेते है तो जान ले नुकसान
अगर आप रोजाना एक ज्यादा नींद की गोलियां खा रहे हैं
इन दिनों बदलती लाइफस्टाइल की वजह से लोगों की सेहत काफी प्रभावित हो रही है। इसकी वजह से लोग कई तरह की समस्याओं के शिकार होते जा रहे हैं। बिगड़ती लाइफस्टाइल और काम के बढ़ते बोझ की वजह से आजकल लोगों की स्लीप साइकल भी काफी प्रभावित हो रही है। लोगों में इन दिनों अनिंद्रा की समस्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए ज्यादातर लोग स्लीपिंग पिल्स यानी नींद की दवाई का इस्तेमाल करने लगते हैं।
कई लोग तो रात में अपनी नींद पूरी करने के लिए रोजाना नींद की दवाई खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नियमित रूप से स्लीपिंग पिल्स खाने से आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो अपनी नींद पूरी करने के लिए रोजाना नींद की गोली खाते हैं, तो सावधान हो जाइए क्योंकि लगातार स्लीपिंग पिल्स का सेवन आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। तो चलिए जानते हैं इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में-
कोमा में जाने का खतरा
अगर आप रोजाना एक ज्यादा नींद की गोलियां खा रहे हैं, तो इससे आप कोमा में जा सकते हैं। दरअसल, लगातार ज्यादा गोली खाने से कोमा में जाने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
याद्दाश्त होती है कमजोर
लंबे समय तक नींद की गोलियां खाने से न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से कई तरह की नुकसान होते हैं। दरअसल, रोजाना नींद की गोली खाने से आपके दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिसकी वजह से आपकी याद्दाश्त कमजोर होने सकती है।
खून थक्के बनने लगते हैं
लगातार स्लीपिंग पिल्स के सेवन से आपके नर्वस सिस्टम पर भी असर होता है। अगर आप नियमित रूप से स्लीपिंग पिल्स खा रहे हैं, तो इसकी वजह से आपका नर्वस सिस्टम को कमजोर हो सकता है, जिससे नर्वस सिस्टम संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इतना ही नहीं इसकी वजह से ब्लड वेसल्स (रक्त नलिकाओं) में खून के थक्के भी बन जाते हैं।
सांस की समस्या
नींद की गोलियों का सेवन उन लोगों के लिए भी काफी हानिकारक है, जिन्हें सोत समय खर्राटे लेने की आदत है। दरअसल, अगर आप नींद की गोली खाते हैं, तो इससे खर्राटों के बीच कभी-कभी सांस रुक जाती है, जो आपके लिए जानलेवा हो सकती है।
दिल को खतरा
नींद की दवाइयों के लगातार सेवन की वजह से दिल के दौरे का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। स्लीपिंग पिल्स में मौजूद जोपिडेम नामक तत्व दिल की बीमारियों की वजह बन सकता है। साथ ही इन दवाइयों की वजह से दिल के कार्य करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।