कैसा हो खान-पान
व्रत के दौरान गेहूं और चावल का सेवन नहीं किया जाता है, इनके बजाय कुट्टू, सिंघाड़े या राजगिरी का आटा, साबुदाने और समा के चावल का सेवन कर सकते हैं। आप सभी तरह के फल और अधिकतर सब्जियां खा सकती हैं। सामान्य नमक के बजाय सेंधा नमक का सेवन करें। दूध और सभी तरह के दुग्ध उत्पादों को व्रत के दौरान खाया जा सकता है। रिफाइंड और सरसों के तेल की बजाय देसी घी या मूंगफली के तेल का सेवन करना अच्छा माना जाता है। ऐसे भोजन का सेवन करें, जिसमें फाइबर्स की मात्रा अधिक हो ताकि आपका पेट भरा हुआ लगे। अगर आप अपने भोजन में 30 प्रतिशत प्रोटीन को शामिल करेंगी तो भूख कम लगेगी, क्योंकि प्रोटीन को पचने में अधिक समय लगता है। फलों और सूखे मेवों को उनके प्राकृतिक रूप में खाएं। फलियां, दालें, लहसुन, अदरक, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, जंक फूड्स, मांसाहार, धुम्रपान, शराब, कोला का सेवन बिल्कुल ना करें। साथ ही हाई कैलोरी फूड्स, शुगर और तली हुई चीजों का सेवन भी अधिक ना करें।
जब खोलें व्रत
जब शाम या रात में आप व्रत खोलें, तो हल्का खाना खाएं। भारी और गरिष्ठ भोजन के सेवन से बचें, क्योंकि हमारे सिस्टम के लिए इसे पचाना मुश्किल होता है, बल्कि दिनभर शरीर का जो क्लीनिंग प्रोसेस चल रहा था, वह भी बेकार हो जाता है। थोड़ी मात्रा में सुपाच्य भोजन का सेवन करें, ताकि शरीर पर व्रत के सकारात्मक प्रभाव को नुकसान ना पहुंचे।
ना हो पानी की कमी
हमारे शरीर को 20-30 प्रतिशत फ्ल्यूड, भोजन से मिलता है, इसलिए व्रत में डिहाइड्रेशन हो सकता है। इससे बचने के लिए पानी और दूसरे तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें, ताकि शरीर में जल का स्तर बना रहे और कभी पानी की कमी ना हो। सादे पानी, वसा रहित दूध, नारियल पानी, ताजे फलों के सेवन से शरीर में फ्ल्यूड्स की मात्रा तो बनी ही रहती है, मिनरल्स और विटामिंस का स्तर भी बना रहता है। व्रत के दौरान शरीर में जल का सामान्य स्तर बनाए रखने से आप ऊर्जावान और सक्रिय रहेंगी।
ऐसी हो जीवनशैली
व्रत के दौरान हमारा शरीर अंदर से क्लीन होता है, जिसका धार्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्व है। इस क्लीनिंग प्रोसेस में हमारी जीवनशैली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए व्रत के दौरान जीवनशैली भी सही रखें।
एक्सरसाइज-योग
व्रत के दौरान वॉकिंग कर सकती हैं। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी करें लेकिन टफ एक्सरसाइज से बचें। इससे शरीर में ऊर्जा की कमी हो सकती है। आप चाहें तो कुछ योगासनों का अभ्यास भी कर सकती हैं। विभिन्न योगासन डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस को तेज कर देते हैं और आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाते हैं।
तनाव से बचें
व्रत के दौरान मानसिक रूप से शांत रहने का प्रयास करें। इसके लिए रोजाना 10-15 मिनिट ध्यान लगाएं, ध्यान मस्तिष्क को शांत और सकारात्मक बनाता
है। अपनी मनपसंद किताब पढ़ें या संगीत सुनें। आप इन दिनों भक्ति संगीत भी सुन सकती हैं, इससे आपके मन में एक सकारात्मक और आध्यात्मिक ऊर्जा
का संचार होगा।
समय पर सोएं-जागें
अपने नियत समय पर सोएं और जागें। इसके साथ ही रोजाना 6-8 घंटे की पूरी नींद जरूर लें। इस तरह आप व्रत के दौरान भी शारीरिक रूप से सक्रिय रह सकेंगी।
तब ना रखें व्रत
वैसे तो व्रत कोई भी रख सकता है, लेकिन अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर ही व्रत रखना चाहिए। डॉक्टर्स के अनुसार कुछ महिलाओं को व्रत रखने से बचना चाहिए। इनमें शामिल हैं-
गर्भवती महिलाएं।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं।
हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त महिलाएं।
बुजुर्ग महिलाएं।
जिनका वजन बहुत कम हो।
जो किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण दवाओं का सेवन कर रही हों।
जिन्हें लो बीपी या एनीमिया हो।