करवा चौथ का पावन पर्व 13 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जाएगा। हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व होता है। करवा चौथ व्रत निर्जला रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु व अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। दिन में करवा चौथ व्रत कथा सुनी जाती है और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही करवा चौथ व्रत तोड़ा जाता है।
करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र बनना काफी शुभ संयोग माना जा रहा है। रोहिणी नक्षत्र को बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है।करवा चौथ व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना गया है। अगर आपसे भूलवश इस दिन कुछ खा लें तो परेशान नहीं हों।
कई लोग भूलवश कुछ खाने को भी अपशगुन मानते हैं, लेकिन ये कोई अपशगुन नहीं माना गया है। शास्त्रों के अनुसार गलती होने पर ईश्वर से माफी मांग लेनी चाहिए। प्रभु इंसान का भाव देखते हैं। अगर गलती होने पर हम सच्चे दिल से ईश्वर से माफी मांग लें तो ईश्वर हमें माफ कर देते हैं।
अगर आपने भी व्रत मे कुछ खा लें तो करें ये उपाय-
सबसे पहले स्नान कर लें और फिर सभी देवी-देवताओं से क्षमा मांग लें। इस व्रत में माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा का विशेष महत्व होता है। सभी देवी- देवताओं से अपनी गलती के लिए माफी मांग लें।
भगवान से माफी मांगने के बाद विधि- विधान से पूजा- अर्चना कर लें।
चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले चंद्रमा से माफी मांग लें और फिर पूजा- अर्चना करें।
आप अपनी क्षमता के अनुसार किसी सुहागिन स्त्री को कुछ दान मे भी दे सकते हैं। इस व्रत में दान का विशेष महत्व माना गया है।
न्यूज़ सोर्स: navyugsandesh