घर में बच्चा कोरोना से संक्रमित हो जाए तो ऐसा करें एक्सपर्ट ने बताया ये उपाये

कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले भारत समेत दुनियाभर में तेजी से बढ़ने लगे हैं. कोरोना के इन बढ़ते मामलों को देखते हुए

Update: 2022-01-15 17:49 GMT

कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले भारत समेत दुनियाभर में तेजी से बढ़ने लगे हैं. कोरोना के इन बढ़ते मामलों को देखते हुए अमेरिका की पब्लिक हेल्थ एजेंसी सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention)ने कोरोना आइसोलेशन और क्वारनटीन को लेकर अपनी गाइडलाइंस में कुछ बदलाव किए हैं.

कोरोना संकट के बीच लोगों के मन में यह सवाल बार-बार आ रहे हैं कि अगर घर के किसी सदस्य को कोरोना हो जाए या घर में कोई बच्चा कोरोना से संक्रमित हो जाए तो माता-पिता उसकी देखभाल कैसे कर सकते हैं. कुछ लोगों का सवाल यह भी है कि अगर माता-पिता को कोरोना हो जाए तो उन्हें बच्चों से दूर कब तक आइसोलेशन में रहना पड़ेगा. इन सभी सवालों के जवाब देने के लिए आइए जानते हैं सीएनएन की मेडिकल एनालिस्ट डॉ. लीना वेन का क्या कहना है. डॉ. लीना वेन जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी मिलकेन इंस्टीट्यूट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एक इमरजेंसी फिजिशियन और हेल्थ पॉलिसी और मैनेजमेंट की प्रोफेसर हैं.
सवाल: आइसोलेशन और क्वारनटीन में क्या अंतर?
जवाब: डॉ. लीना का कहना हैं कि आइसोलेशन और क्वारनटीन में बड़ा अंतरकोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले भारत समेत दुनियाभर में तेजी से बढ़ने लगे हैं. कोरोना के इन बढ़ते मामलों को देखते हुएहै. आइसोलेशन की जरूरत तब होती है जब आपको टेस्ट कराने के बाद पता चलता है कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं. वहीं, क्वारनटीन उस वक्त किया जाता है जब आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं, लेकिन आपके अंदर कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते या आपकी कोविड रिपोर्ट आना बाकी है. उस स्थिति में क्वारनटीन में रहना पड़ता है.
सवाल: अगर परिवार के किसी सदस्य या माता-पिता को कोरोना हो जाए तो उन्हें क्या करना चाहिए?
जवाब: परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर उस व्यक्ति को तुरंत दूसरों से अलग कर देना चाहिए. घर के बाकी लोगों को भी तुरंत जांच करवानी चाहिए. घर के अन्य सदस्यों में भी इसके लक्षण हो सकते हैं.
सवाल: क्या करें अगर बच्चों को कोरोना हो जाए और घर के बाकी सदस्यों को ना हो? ऐसे में किन्हें उनकी देखभाल करनी चाहिए?
जवाब: डॉ. लीना का कहना है कि यह बेहद कठिन समय होता है. खासतौर से अगर आपका बच्चा छोटा है. क्योंकि वह खुद की देखभाल नहीं कर सकता. ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता में से कोई एक ही बच्चे की देखभाल करें. इस बात का ख्याल रखें कि आपको वैक्सीन लगी हो और आप बिल्कुल स्वस्थ हों. इस स्थिति में संक्रमित बच्चे की सभी चीजें अलग कर लें. ताकि घर के बाकी लोग उसकी चीजों के संपर्क में ना आ सकें. संक्रमित बच्चे को एक अलग कमरे में रखें, साथ ही उसका बाथरूम भी अलग होना चाहिए. कोरोना संक्रमित बच्चे की देखभाल करते समय इस बात का ख्याल रखें कि आप 24 घंटे मास्क पहनें, ताकि संक्रमण से बच सकें.
अगर आप सिंगल पेरेंट हैं तो यह समय और भी मुश्किल भरा साबित हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि घर में पर्याप्त वेंटिलेशन हो. घर के दरवाजे और खिड़कियां खुले हों. साथ ही समय-समय पर हाथ धोते रहें.
सवाल: क्या आइसोलेशन का मतलब यह है कि आपको पूरे समय अंदर रहना होगा? क्या आप भी बाहर जा सकते हैं और ताजी हवा ले सकते हैं?
जवाब: आइसोलेशन का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आपको पूरा समय कमरे के अंदर ही बंद रहना है और दूसरों से अलग रहना है. यदि आप किसी ऐसे घर, टाउनहाउस या अपार्टमेंट में रहते हैं जहां आपको फ्रेश एयर नहीं मिल पा रही है तो आप बाहर जा सकते हैं. लेकिन सावधान रहें. दूसरों से दूरी बनाकर रहें और बंद जगहों पर लोगों के साथ ना ठहरें
सवाल: कोरोना संक्रमित व्यक्ति को कितने समय तक आइसोलेशन में रहना चाहिए?
जवाब: सीडीसी ने अपनी नई गाइडलाइंस में आइसोलेशन पीरियड को 10 दिन से घटाकर 5 दिन कर दिया है. इसका मतलब है कि आपको पहले पांच दिनों तक पूरी तरह से आइसोलेट रहना चाहिए. इसके बाद आप बाहर जा सकते हैं, लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि बाहर जाते समय अच्छी क्वलिटी का मास्क पहनें. साथ ही लोगों से उचित दूरी बनाकर रखें. अगर आप बड़ी फैमिली के साथ रहते हैं तो आपको 10 दिन तक आइसोलेश में रहना चाहिए. इन 10 दिनों तक परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर भोजन ना करें. साछ ही घर में भी मास्क पहनकर रखें. संभव हो तो अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें.


Tags:    

Similar News

-->