कैसे करें मां कालरात्रि की पूजा

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी 28 मार्च

Update: 2023-03-27 18:19 GMT
दुर्गा मां के नौ स्वरूपों की पूजा नवरात्रि के दिनों में होती है. चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हुआ था और अब 28 मार्च को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा होगी. मां कालरात्रि को ही काली मां भी कहते हैं. मां काली शुभ फल देने वाली देवी हैं इसलिए उन्हें शुभंकरी के नाम से भी जाना जाता है. मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जन्मीं थीं. मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं.नवरात्रि में सातवें दिन मां कालरात्रि की विधि (Maa Kalaratri Puja Vidhi) विधान से पूजा करनी चाहिए. चलिए आपको इससे जुड़ी अहम बातें बताते हैं.यह भी पढ़ें: April 2023 Ekadashi Vrat: अप्रैल में कौन-कौन से दिन पड़ेगी एकादशी, नोट कर लें डेट, टाइम और शुभ मुहूर्त
मां कालरात्रि की पूजा कैसे करें 
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी 28 मार्च दिन मंगलवार को लग रही है. इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए. मां कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त 28 मार्च की सुबह 5 बजकर 51 मिनट से सुबह 8 बजकर 23 मिनट तक है. इस दिन की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है. मां काली का पसंदीदा रंग नारंगी है जो तेज, ज्ञान और शांति का प्रतिक माना जाता है. 28 मार्च की सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद मां कालरात्रि की पूजा आरंभ करें. उनकी प्रतिमा पर नारंगी वस्त्र पहनाएं, चंदन, रोली लगाएं, देवी का आह्वान करें और उन्हें फूल, मिष्ठान, धूप-दीप अर्पित करें. मां कालरात्रि का पसंदीदा भोग गुड़ है इसलिए इस दिन गुड़ का हलवा, खीर या सिर्फ गुड़ भी चढ़ा सकते हैं. मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें, काली चालिसा पढ़ें और मां काली आरती गाएं.
मां कालरात्रि मंत्र 
मां कालरात्रि के कई मंत्र हैं लेकिन एक ऐसा मंत्र है जिसे हर समस्या के उपाय के लिए पढ़ा जाता है वो इस प्रकार है-
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
इस मंत्र का पूजा के दौरान कम से कम 108 बार जाप करें. ऐसा करने से मां कालरात्रि प्रसन्न होती हैं. आप मां के शुभ फल को पाने के योग्य बन सकते हैं. नवरात्रि के सातवें दिन अगर मां कालरात्रि की विधिवत और सच्चे मन के साथ पूजा करते हैं तो आपको शुभ फल की प्राप्ति जरूर होगी.
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