गिलोय का काढ़ा बनाने की बनाने की विधि

Update: 2022-10-31 18:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Benefits of Giloy: सर्दियों के मौसम में लोगों में अक्सर देखा जाता है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस दौरान गिलोय का काढ़ा आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. इस दौरान मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. सर्दी, जुकाम, बुखार (cold, flu, fever) और फ्लू का होना इन दिनों में आम बात है. गिलोय का काढ़ा आपको इन बीमारियों से आराम देता है और कई संक्रामक बीमारियों को दूर भगाता है.

गिलोय का काढ़ा बनाने की बनाने की विधि

गिलोय का काढ़ा बनाना एकदम आसान है. इसके लिए आपको 1 फुट लंबा गिलोय का तना लेना है, 5 से 6 नीम की पत्ती, 10 से 12 तुलसी की पत्ती और काले गुड़ की भी जरूरत पड़ेगी. सबसे पहले गिलोय के टुकड़े करके उसको 4 से 5 कप पानी डालकर उबालना है. इसके बाद इसमें नीम की पत्तियां, तुलसी की पत्तियां और काला गुड़ मिलाकर गर्म करना है. जब पानी आधा रह जाएं तो इसे छानकर मरीज को पीने के लिए देना है.

कई बीमारियों पर असर दिखाता है काढ़ा

आपको बता दें कि गिलोय को गुडूची या अमृता के नाम से भी जाना जाता है. इसका रस काढ़ा डेंगू और चिकनगुनिया समेत कई गंभीर बीमारियों में बेहद कारगर साबित होता है. मौसमी वारयल के खिलाफ भी यह असर दिखाता है. इसके काढ़े के सेवन से सर्दी, खांसी और गले की खराश से आराम मिलता है. इससे इम्यून सिस्टम मजूबत होता है और संक्रामक बीमारियों का खतरा कम होता है. 

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