बीमारियों की 'बारिश' से कैसे बचा जाए?

बरसात के मौसम में अधिकतर लोगों के लिए हेल्दी और फिट रहना काफी चैलेंजिंग हो जाता है.

Update: 2022-07-11 10:55 GMT

बरसात के मौसम में अधिकतर लोगों के लिए हेल्दी और फिट रहना काफी चैलेंजिंग हो जाता है. इस मौसम में एक तरफ नमी और ह्यूमिडिटी से स्किन इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है, तो दूसरी तरफ जलभराव, गंदगी से मच्छर पैदा होते हैं, जो मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का कारण बन जाते हैं. इसके अलावा डाइजेशन संबंधी परेशानियों के मामले भी तेजी से बढ़ जाते हैं. इस मौसम को अगर आप खुलकर एंजॉय करना चाहते हैं, तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है. आज फिजीशियन, डर्मेटोलॉजिस्ट, डाइटिशियन और इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट से इस मौसम में हेल्दी रहने के टिप्स जान लेते हैं.

सर गंगाराम हॉस्पिटल की प्रिवेंटिव हेल्थ एंंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत के अनुसार, बारिश के मौसम में वायरल इंफेक्शन तेजी से फैलता है. जगह-जगह पानी भर जाता है और इससे मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है. बड़ी संख्या में लोग मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की चपेट में आ जाते हैं. इस मौसम में गंदा पानी पीने से टाइफाइड और पेट के इंफेक्शन के मामले भी सामने आते हैं. इसलिए बरसात में साफ-सफाई, खान-पान और बीमारियों से बचाव को लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है.

डॉ. सोनिया रावत कहती हैं कि इस मौसम में मच्छर और बरसाती कीड़ों से बचाव करना सबसे जरूरी होता है. सोते वक्त मच्छरदानी लगानी चाहिए और एंटी-मॉस्किटो क्रीम या ऑयल का प्रयोग करना चाहिए. घर से निकलते वक्त फुल बॉडी कवर करने वाले कपड़े पहनने चाहिए. इसके अलावा घर में गमलों और अन्य जगहों पर बारिश का पानी जमा न होने दें और कूलर का पानी बदलते रहें. जंक फूड खाने से बचें और घर पर बना ताजा खाना खाएं. साफ पानी पीएं और बुखार या अन्य कोई लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
सीनियर कंसल्टेंट मेडिसिन एंड लाइफस्टाइल इलनेस एक्सपर्ट डॉ. ललित कौशिक के मुताबिक डायबिटीज के रोगियों की इम्यूनिटी वीक होती है और इस मौसम में बुखार आने से उनकी कॉम्प्लिकेशन बढ़ सकती है. डेंगू और मलेरिया की कंडीशन में डायबिटिक लोगों में सीरियस इंफेक्शन हो सकता है और हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ सकती है. न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम की वजह से डायबिटीज के रोगियों में सेंसेशन नहीं होती. इसलिए इस मौसम में उन्हें अपने पैरों का खयाल रखने की जरूरत होती है. इसके अलावा हार्ट और किडनी के पेशेंट भी बुखार की चपेट में आने से हार्ट फेलियर और किडनी फेलियर जैसी गंभीर कंडीशन में फंस सकते हैं.
डॉ. ललित कौशिक कहते हैं कि डायबिटीज के रोगियों को अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना चाहिए. इसके अलावा मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. हर दिन एक्सरसाइज करनी चाहिए और हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. दवाइयां वक्त पर लेनी चाहिए और किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. यही बात हार्ट और किडनी के मरीजों पर भी लागू होती है. हर हालत में बचाव करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. युगल राजपूत के मुताबिक बारिश के मौसम में ह्यूमिडिटी और नमी की वजह से लोगों के शरीर से पसीना सूख नहीं पाता. इसकी वजह से फंगल इंफेक्शन, घमोरियां, एक्जिमा और एलर्जी की समस्या हो जाती है. चेहरे पर मुंहासे निकल आते हैं और हेयर फॉल की समस्या भी बढ़ जाती है. जो लोग पहले से स्किन संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह मौसम काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. इसके अलावा बारिश में भीगना भी स्किन के लिए खतरनाक होता है.
डॉ. युगल राजपूत कहते हैं कि फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए लोगों को एंटीफंगल पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए. बारिश में भीगने के बाद तुरंत साफ पानी से नहाकर मॉइश्‍चराइज़र लगाना चाहिए. मॉइश्‍चराइज़र स्किन की नमी को लॉक करता है और इंफेक्शन से काफी हद तक बचाव करता है. हेयर फॉल की समस्या से बचने के लिए सप्ताह में दो बार कोकोनट ऑयल से मसाज करें और शैंपू के बाद कंडीशनर का इस्तेमाल जरूर करें. चेहरे पर मुंहासों की समस्या से बचने के लिए दिन में दो या तीन बार फेस वॉश से चेहरा साफ करें और धूल मिट्टी से बचाव करें. स्किन को हेल्दी रखने के लिए अपनी डाइट में फल व सब्जियों को शामिल करें और जंक फूड से बचें. दिन में 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीएं.
एम्स की पूर्व डाइटिशियन और डाइट मंत्रा की फाउंडर कामिनी सिन्हा के मुताबिक बारिश के मौसम में खाने पीने का ध्यान रखना सबसे जरूरी होता है. इस मौसम में लोगों की इम्युनिटी वीक हो जाती है और वे बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. इसके अलावा स्ट्रीट फूड में इस्तेमाल किया गया दूषित पानी लोगों की हेल्थ को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. इस मौसम में लोगों को पेट के इंफेक्शन, लूज मोशन और गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है. बारिश के मौसम में हाइजीन का सबसे ज्यादा ध्यान रखने की ज़रूरत होती है. दूषित पानी से मलेरिया, हैजा और पीलिया समेत कई बीमारियां हो सकती हैं.
डायटिशियन कामिनी सिन्हा कहती हैं कि बरसात में बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. बाहर के खाने से पूरी तरह परहेज करना चाहिए. घर पर बना हुआ खाना भी 3 घंटे से ज्यादा देर से रखा है, तो खाने से बचना चाहिए. ताजा खाना शरीर के लिए फायदेमंद होता है. खाने के दौरान हाइजीन का ध्यान रखना चाहिए. इस मौसम में अपनी डाइट में अदरक, लहसुन और नींबू को शामिल करना चाहिए, जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है. बरसात के मौसम में गर्म चीजें खानी चाहिए और ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए. ताजा फलों और सब्जियों को नमक डालकर गर्म पानी से धोकर इस्तेमाल करना चाहिए. किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.


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