बच्चों के लिए मिनरल्स और विटामिन्स की रोजाना कितनी है जरूरत... जाने सब कुछ विस्तार से
छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं की खुराक की जरूरत अन्य लोगों से अलग होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं की खुराक की जरूरत अन्य लोगों से अलग होती है. आप अपने बच्चों को आहार दे रहे हैं, क्या उससे जरूरत पूरी हो रही है? बच्चों के विकास और वृद्धि के लिए विटामिन्स और मिनरल कौन से हैं? आपको बच्चों के सिलसिले में फूड से मिलनेवाली मात्रा और जरूरत को जानना मुफीद होगा.
कैल्शियम
विशेषज्ञों का कहना है कि हड्डियों और दांतों के विकास में कैल्शियम बुनयादी हिस्सा है. बचपन में आपके बच्चे की हड्डियां समेत दांत जितना मजबूत होंगे, बुढ़ापे में टूटने की प्रक्रिया उतनी ही सुस्त होगी.
कैल्शियम की जरूरत
1-3 साल की उम्र के बच्चों को रोजाना 700 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है.
4-8 साल की उम्र के बच्चों को कैल्शियम की रोजाना जरूरत बढ़कर 1 हजार मिलीग्राम हो जाती है.
9-18 साल की उम्र के बच्चों को कैल्शियम की रोजाना खुराक 13 सौ मिलीग्राम चाहिए.
फाइबर
फाइबर न तो कोई विटामिन है और न ही मिनरल. फाइबर से भरपूर मौजूद फूड में कई अहम पोषक तत्व जैसे विटामिन ई, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम होते हैं.
फाइबर की जरूरत
फाइबर की सिफारिश करने के पीछे ये है कि आपका बच्चा रोजाना अपने खानपान से कितना कैलोरी लेता है. उसका आम सिद्धांत है कि आपके बच्चे को एक हजार कैलोरी के साथ 14 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए. बच्चों के शरीर को भी रोजाना फाइबर की जरूरत बड़ों की तरह होती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, रोजाना 1500 कैलोरी हासिल करनेवाले 4-8 साल के बच्चों को 25 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है.