हीट Vs कोल्ड! दर्द दूर करने के लिए कौन सी थेरेपी ज्यादा बेहतर है?
के लिए कौन सी थेरेपी ज्यादा बेहतर है?
भारत में अक्सर चोट लगने पर लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए सिकाई करने की सलाह देते हैं। कुछ लोग ठंडी सिकाई का प्रयोग करते हैं तो कुछ गर्म सिकाई का प्रयोग करते हैं, हालांकि अक्सर यह कंफ्यूजन बना हुआ रहता है कि कब और किस तरह के दर्द में ठंडी या गर्म सिकाई का इस्तेमाल करनी चाहिए। आइए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं
हीट और कोल्ड थेरेपी में से क्या बेहतर है?
एक्सपर्ट के मुताबिक दर्द और चोट में आराम पहुंचाने के लिए सिकाई करना सबसे प्रभावी और किफायती तरीका माना जाता है। जब पुराने दर्द, जोड़ों के दर्द और जकड़न की बात आती है तो हीट थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है।ताकि ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाए और ऑक्सीजन युक्त खून तेजी से उस जगह पर पहुंचे और दर्द से छुटकारा मिले। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। वहीं जब शरीर में मोच लगती है तो भी गर्म सिकाई ही असर दिखाती है। इसके अलावा एड़ियों में होने वाले दर्द में भी गर्म पानी की सिकाई करने की सलाह दी जाती है। अगर आप जकड़न या किसी पुराने दर्द से परेशान है तो 15 से 20 मिनट तक हीट थेरेपी लेना काफी फायदेमंद माना जाता है। हालांकि समस्या ज्यादा है तो आप आधे घंटे तक भी हीट थेरेपी ले सकते हैं।
कोल्ड थेरेपी
वहीं जब कोल्ड थेरेपी की बात आती है तो यह थेरेपी ताजा चोट या सूजन के लिए लिया जाता है। अगर एक्सरसाइज के चलते शरीर में सूजन या दर्द हो जाता है तो कोल्ड थेरेपी प्रभावी माना जाता है। अगर आप दौड़ते या खेलते वक्त चोटिल हो जाते हैं तब भी कोल्ड थेरेपी का इस्तेमाल करना चाहिए। एक्सपर्ट कहते हैं कभी भी चोट वाली जगह पर डायरेक्ट आइस नहीं लगना चाहिए। आप तौलिए में लपेटे हुए बर्फ को चोट वाली जगह पर लगा सकते हैं। इसके साथ ही 20 मिनट से अधिक बर्फ नहीं लगना चाहिए, क्योंकि इससे टिशू को नुकसान पहुंच सकता है।