Health Care हेल्थ केयर: मोटापा आजकल हर दूसरे व्यक्ति के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है। लेकिन बात अगर खासतौर पर महिलाओं में बढ़ते मोटापे की समस्या की करें तो उसके पीछे डाइट और वर्कआउट ही नहीं बल्कि ये 7 अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। जी हां, एक महिला अपने जीवन में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव से होकर गुजरती है। जिसका सीधा असर उसकी सेहत पर पड़ता है। महिलाओं में बढ़ता मोटापा भी ऐसे ही में शामिल है। आइए जानते हैं महिलाओं में उम्र के वो अलग-अलग पड़ाव, जहां पहुंचकर उनमें बढ़ने लगती है मोटापे की समस्या। Side Effects
प्यूबर्टी एज-
प्यूबर्टी किसी महिला के जीवन का वो समय होता है, जहां पहुंचकर उसका शरीर यौन रूप से परिपक्व हो जाता है। इस दौरान उसकी बॉडी में कई हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। जो शारीरिक और भावनात्मक रूप से उस पर गहरा असर डालते हैं। इस दौरान लड़कियों को भूख का अहसास अधिक होता है। जिसकी वजह से उसके शरीर में फैट सेल्स आकार और मात्रा दोनों में बढ़ने लगते हैं। ऐसे में लड़कियों को अपने खाने-पीने की आदतों का खास ख्याल रखना चाहिए। मोटापे को कंट्रोल रखने के लिए डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करना चाहिए।
कॉलेज-
किसी भी लड़की के लिए कॉलेज का समय उसे मिलने वाली उसकी पहली आजादी के दिन होते हैं। जहां पहुंचकर वो घर के हेल्दी खाने की जगह दोस्तों के साथ जंक फूड और स्नैक्स का मजा लेना ज्यादा पसंद करती है। जो उसके लिए आगे चलकर बढ़ते वजन का कारण बनते हैं। ऐसे में खुद भी हेल्दी भोजन करें और दोस्तों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
रिलेशनशिप-
अकसर रिलेशनशिप में आने के बाद लड़कियां खुद की परवाह करना बंद कर देती हैं। जो लड़की शादी से पहले, अपनी फेवरेट ड्रेस में फिट रहने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट किया करती थी, वो शादी के बाद, तनाव के स्तर में उतार-चढ़ाव, आपके वर्कआउट में बदलाव और साथी की जीवनशैली के कारण अपना वजन बढ़ा लेती हैं। मोटापे को खुद से दूर और आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए खुद का भी ध्यान रखें।
ब्रेकअप-
ब्रेकअप के बाद अकसर लड़कियां मोटी हो जाती हैं। अमेरिका की पेन state University की एक टीम ने अध्ययन में पाया है कि वे महिलाएं, जो ब्रेकअप के बाद अपनी भावनाओं को दबाने के लिए भोजन का सहारा लेती हैं उनका वजन बढ़ जाता है। ऐसे में अपनी भावनाओं को कंट्रोल करने और तनाव से निकलने के लिए पार्क में टहलने के लिए जाएं, दोस्तों के साथ समय बिताएं, अच्छी किताबें पढ़ें और अच्छी डाइट के साथ वर्कआउट जरूर करें।
गर्भावस्था-
प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला का वजन बढ़ना सामान्य बात है। गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का वजन बढ़ाने के लिए मां को पौष्टिक आहार लेने की जरूरत होती है। यही वो समय होता है जब सामान्य: एक गर्भवती महिला का 12 से 16 किलो तक वजन बढ़ सकता है। प्रेग्नेंसी के बाद अपने डॉक्टर से पूछकर व्यायाम और योग करके आप वापस अपना टोन फिगर पा सकती है।
ऑफिस का तनाव-
घंटों एक ही जगह बैठकर काम करने से भी महिलाओं में मोटापे की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में महिलाओं को खुद को फिट रखने के लिए ऑफिस में दिन में कुछ समय स्टैंडिंग पोजीशन में काम करना चाहिए, ट्रेडमिल और साइकिलिंग की मदद लेनी चाहिए।
तनाव-
तनाव से सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि महिला के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। ऐसे ही शारीरिक प्रभावों में से एक वजन बढ़ना भी हो सकता है। बता दे, तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल अधिक खाने और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित होने की इच्छा को बढ़ा सकता है। जिससे मोटापा बढ़ता है। ऐसे में स्ट्रेस को दूर रखने के लिए मेडिटेशन का सहारा लें।
Menopause -
महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोनल परिवर्तन और वजन बढ़ना जारी रह सकता है। रजोनिवृत्ति के दौरान और उसके बाद आपका शरीर वसा को अलग-अलग तरीके से संग्रहीत करता है, जिसमें पेट के आस-पास की चर्बी बढ़ जाती है। ऐसे में अच्छा खाना और नियमित रूप से व्यायाम करने से मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने से बचा जा सकता है।