Health Care स्वास्थ्य देखभाल: किडनी दान करने वाले व्यक्ति की पूरी जांच की जाती है। ताकि यह पता लगा सकें कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट करना सेफ है और इससे बाद में कोई जोखिम नहीं है। नॉर्वे में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि 'जिन व्यक्तियों ने किडनी दान की है, वे उन व्यक्तियों की तुलना में लंबा और स्वस्थ जीवन जीते हैं जिन्हें किडनी डोनेट के लिए सही नहीं माना गया था।' इसका मतलब यह नहीं है कि किडनी दान करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है; बल्कि इसका मतलब है कि संभावित ऑर्गन डोनर को दान के लिए फिट घोषित करने से पहले बहुत कठिन टेस्ट से गुजरना पड़ता है।
किडनी डोनेट के बाद दी जाती है सलाह
गोआ फिजिशियन ने कहा कि इस तरह की सर्जरी के बाद, किडनी दाताओं को भविष्य में होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए कुछ सलाह दी जाती है। सबसे महत्वपूर्ण सलाह यह होगी कि किडनी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और इसका मतलब है किडनी हेल्थ को बनाए रखने के लिए निम्नलिखित 8 काम करें।
पानी और नमक पर रखें ध्यान
पहला खूब पानी पिएं। रोजाना 2 से 2.5 लीटर पानी पीने से किडनी पर दबाव कम होता है। दूसरा नमक और तला हुआ/फास्ट फूड कम करें। नमक हाई ब्लड प्रेशर का एक प्रमुख कारण है जबकि तला हुआ और फास्ट फूड हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बनता है, दोनों ही किडनी और हार्ट हेल्थ को खराब करते हैं।
वजन और एक्सरसाइज
तीसरा वजन नियंत्रित रखें। अंग दान के बाद वजन बढ़ना Diabetes , दिल की बीमारी और हाई बीपी का कारण बन सकता है और स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। चौथा हेल्दी एक्सरसाइज करें। रोजाना कम से कम 45 मिनट तक एक्टिव रहने से दिल के रोग और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है, साथ ही मेंटल हेल्थ सुधरती है।
शराब, स्मोकिंग और पेन किलर दवा से बचें
पांचवा, धूम्रपान और शराब से बचें। सिगरेट और शराब, कैंसर, हार्ट डिजीज और अधिकतर बीमारियों का कारण बनते हैं और इनसे बचना सबसे अच्छा है।' छठा, पेन किलर से बचें। पेन किलर दवाएं किडनी को प्रभावित कर सकती हैं और किडनी फेलियर के साथ-साथ पेट में अल्सर भी पैदा कर सकती हैं।
हाई बीपी, डायबिटीज और रेगुलर टेस्ट
सातवां काम हाई बीपी और डायबिटीज को कंट्रोल करें। अब मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को ऑर्गन डोनेट करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन दिक्कतों से बचने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट और लाइफस्टाइल पर रखा जाता है। आठवां हर छह महीने में ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट के साथ किडनी फंक्शन की नियमित जांच कराने की सलाह दी जाती है।