कढ़ी भारत के हर राज्य में बनाई व खाई जाती है. हां उसका स्वरूप थोड़ा अगल ज़रूर होता, लेकिन पसंद सबको आती है. माना जाता है कि कढ़ी शब्द पंजाब के कढ़ा से उपजी है, जिसका मलतब होता धीमी आंच पर अच्छे से पका हुआ. कढ़ी को धीमी आंच पर काफ़ी देर तक पकाया जाता है. आज हम आपको हरियाणवी कढ़ी की रेसिपी बताने जा रहे हैं, जिसे आप लंच और डिनर में बना सकते हैं. तो, चलिए इसे बनाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं!
तैयारी का समय: 35 मिनट
पकाने का समय: 30 मिनट
सर्विंग साइज़: 4
सामग्री
कढ़ी के लिए
100 ग्राम दही (खट्टी)
2 टेबलस्पून बेसन
1/2 टीस्पून जीरा
1/2 टीस्पून मेथी
½ टीस्पून हींग
1 टेबलस्पून अदरक-लहसुन का पेस्ट
1 टीस्पून हरी मिर्च का पेस्ट
½ टेबलस्पून हल्दी
नमक स्वादानुसार
1 टीस्पून गरम मसाला
पकौड़े के लिए
200 ग्राम बेसन
500 ग्राम पालक, कटी हुई
5 हरी मिर्च,बारीक़ कटी हुई
1 चुटकी हींग
1/2 टीस्पून हल्दी
नमक स्वादानुसार
तलने के लिए तेल
तड़के के लिए
2 साबूत लाल मिर्च
2 टेबलस्पून घी
सजाने के लिए
ताज़ी हरी धनिया, बारीक़ कटी हुई
विधि
पकौड़ा बनाने के लिए एक बड़े बाउल में बेसन छान लें. अब उसमें कटी हुई पालक, हरी मिर्च, हींग, हल्दी और नमक डालकर अच्छी तरह से मिलाएं.
एक पैन में तेल गर्म करें और पकौड़ों को उसमें तल लें.
दो टेबलस्पून बचे तेल छोड़कर बाक़ी तेल को किसी बर्तन में निकाल लें.
कढ़ी बनाने के लिए दही, हल्दी, बेसन, हींग और नमक को अच्छी तरह से मिलाएं. उसमें दो से तीन ग्लास पानी डालें और एक तरफ़ रख दें.
अब पकौड़ेवाले पैन को ही मीडियम फ़्लेम पर चढ़ाएं. उसमें जीरा, मेथी, अदरक-लहसुन का पेस्ट, हरी मिर्च का पेस्ट डालें और धीमी आंच पर भूनें.
जब मसालों से हल्की महक आने लगे तो दही और बेसन से तैयार मिश्रण को उसमें डालें और लगभग 10 मिनट तक धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाएं. इसे ही काढ़ना कहते हैं. अगर आप बीच में चलाना छोड़ देंगे तो कढ़ी फट जाएगी.
अच्छी तरह से उबलने के बाद कढ़ी को और 15 तक मिनट पकने दें.
जब कढ़ी पककर अच्छी तरह से तैयार हो जाए, तो उसमें गरम मसाला डालें. मिलाएं.
फिर पकौड़ों को डालकर 5 मिनट तक पका लें.
अब एक छोटे पैन में घी गर्म कर उसमें लाल मिर्च डालें और फ़्लेम तुरंत बंद कर दें.
तड़के को कढ़ी में डालें और ढक्कन लगा दें.
पांच मिनट बाद ढक्कन हटाएं. कटी हुई हरी धनिया डालकर मिलाएं और चावल के साथ सर्व करें.