डायरिया का बढ़ना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, जानें इसके घरेलू उपाय
डायरिया तब होता है जब आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में समस्या होती हैं.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क|डायरिया तब होता है जब आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में समस्या होती हैं.यह एक पाचन समस्या है जो आमतौर पर बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकता हैं. इस दौरान पेट में ऐंठन, सूजन, उल्टी जैसी समस्या होती है. डायरिया एक आम समस्या है, लेकिन कभी- कभी हालत इतनी खराब हो जाती हैं कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है.
डायरिया को ठीक करने के लिए कई तरह की दवाइयां हैं. लेकिन आप शायद ही जानते होंगे कि डायरिया को रोकने के लिए घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं. आइए जानते हैं डायरिया के कारणों और घरेलू उपचार के बारे में.
आमतौर पर डायरिया तीन प्रकार के होते हैं. सबसे पहला एक्यूट डायरिया है जिसमें दस्त काफी पतला होता है. यह कुछ घंटो से दो दिन तक हो सकते हैं. इसमें इलाज की कोई जरूरत नहीं होती है. दूसरा क्रोनिक डायरिया होता है जो हफ्तों तक परेशान कर सकता है. कभी- कभी डायरिया की वजह से डिहाइड्रेशन हो सकता है. डिहाइड्रेशन के कारण हर्ट रेट बढ़ता, सिरदर्द, थकान, गला और मुहं सूखना आदि शामिल है.
डिहाइड्रेशन
डायरिया में डिहाइड्रेशन होना आम बात है क्योंकि शरीर से लगातार मल पानी के रूप में बाहर निकलता है. जिस कारण सोडियम और क्लोराइड की कमी हो सकती है. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए आधा चम्मच नमक, 1 कप पानी और 6 चम्मच चीनी मिला कर पीएं. इसके अलावा कैफिनेट ड्रिंक पीने से बचें. ज्यादा से ज्यादा चीनी नमक वाला पानी पीएं.
सही खाना खाएं
सही खाना खाने से तुरंत आराम मिलता है. डायरिया के दौरान कम फाइबर वाला खाना खाएं. खिचड़ी, दलिया, बेक्ड आलू, चिकन सूप जैसी चीजें खाएं जो आसानी से पच जाएं. इसके अलावा, आप गाजर और केला खा सकते हैं.
प्रोबायोटिक्स
प्रोबायोटिक्स जीवित बैक्टीरिया होते हैं जो फरमेंटेड फूड और दही में होता है. ये प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होते हैं. ये प्रोयबायोटिक बैक्टीरिया आंत और पाचन को मजबूत करने में मदद करते है. आप कॉटेज पनीर, डार्क चॉकलेट, जैतून, अचार, चीज, दही, आदि खा सकते हैं.
चाय पीएं
आप चाहे तो कैमोमाइल चाय, अदरक की चाय, ग्रीन टी, लेमन टी आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं. कैमोमाइल चाय में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो पेट की समस्याओं को दूर करने का काम करते हैं. अदरक का इस्तेमाल पेट की विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. आप इसका सेवन चाय के रूप में कर सकते हैं. यह आपके पाचन को मजबूत करने का काम करता है.