Life Style : कर्नाटक सरकार ने वेज, चिकन, मछली और अन्य कबाबों में इस्तेमाल किए जा रहे आर्टिफिशियल कलर पर रोक लगा दी है। खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत ऐसा करने पर 7 साल से लेकर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
क्यों लगाई गई रंगों के इस्तेमाल पर रोक?
जनता की ओर से इस मामले में दाखिल की गई शिकायतों और मीडिया रिपोर्ट्स Media Reportsपर गौर करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में बेचे जाने वाले 39 तरह के कबाबों के सैंपल इकट्ठा किए और इन्हें जांच के लिए भेज दिया गया, जिसमें पाया गया कि इन खाद्य उत्पादों में सनसेट येलो और कार्मोसिन आर्टिफिशियल रंगों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सेहत के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।
इससे पहले भी लग चुका है रंगों पर बैन
गौरतलब है कि इससे पहले गोवा में भी 'गोबी मंचूरियन' 'Gobi Manchurian' और 'कॉटन कैंडी' में आर्टिफिशियल रंगों के इस्तेमाल पर बैन लगाया जा चुका है।
ऐसे में, अब कर्नाटक सरकार की ओर से अलग-अलग तरह के कबाबों में इस्तेमाल किए जा रहे केमिकल पर भी रेस्तरां के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।
राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात State Health Minister said this
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने मीडिया को जानकारी दी, कि पैकेज्ड फूड आइटम्स Packaged food items में कम मात्रा में 'टार्ट्राजीन' का इस्तेमाल हो सकता है, लेकिन रेस्तरां या किसी फिर किसी होटल या ढाबे में इसका ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है।