गर्म प्रेस से दाग दिए जाते हैं लड़कियों के ब्रेस्ट, रिवाज के नाम पर होती है बेरहमी

गर्म प्रेस से दाग दिए जाते हैं लड़कियों के ब्रेस्ट,

Update: 2023-06-12 10:35 GMT
दुनिया भर में महिलाओं के लिए कितने नियम और रिवाज बनाए जाते हैं उनके बारे में तो शायद आपको पता ही होगा। भले ही ऊपरी तौर पर हमें दिखे कि महिलाओं की जिंदगी बदल रही है वहीं, दूसरी ओर हमें किसी ऐसे रिवाज के बारे में पता चल जाता है जहां महिलाओं के साथ बेरहमी होती है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ दूर दराज के इलाकों में ही ऐसा होता है, बड़े शहरों से भी ऐसा बहुत कुछ होता है जो आपको सोचने पर मजबूर कर दे कि क्या वाकई दुनिया आगे बढ़ रही है।
हरजिंदगी अपनी सीरीज Unabashed के जरिए आप तक ऐसे ही कई रिवाजों के बारे में जानकारी पहुंचाती रहती है। इसी कड़ी में आज बात करते हैं ब्रेस्ट आयरनिंग के बारे में। हो सकता है कि इससे पहले आपने इस रिवाज के बारे में सुना ही ना हो। कई लोग इसे मजबूरी का नाम दे देते हैं, लेकिन इससे फर्क उन लड़कियों को पड़ता है जिनके साथ यह क्रूरता होती है।
क्या है ब्रेस्ट आयरनिंग?
जब भी कोई लड़की प्यूबर्टी की तरफ बढ़ती है तब खुद मां अपनी बेटी के दोनों ब्रेस्ट को गर्म पत्थर, लकड़ी या लोहे से दाग देती है। ब्रेस्ट आयरनिंग कैमरून अफ्रीका में बहुत प्रचलित है। हालांकि, अन्य अफ्रीकी देश जैसे चाड, गिनिया-बिसाउ, केन्या, टोगो, जिम्बाब्वे और गिनिया-कोनाक्री की कुछ जगहों पर भी यह की जाती है।
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क्या कहते हैं ब्रेस्ट आयरनिंग के आंकड़े?
यूनाइटेड नेशन्स और अफ्रीकी हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की आधिकारिक रिपोर्ट के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 3.8 करोड़ लड़कियों को इस परेशानी से गुजरना पड़ता है।
रिपोर्ट मानती है कि 58% बार यह मां द्वारा ही की जाती है और अगर मां नहीं है, तो परिवार की किसी अन्य महिला द्वारा किया जाएगा।
अकेले कैमरून में ही 23 से लेकर 50% तक लड़कियां इससे पीड़ित हैं। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है।
हालांकि, सिर्फ अफ्रीका ही नहीं यह दुनिया के कई अन्य देशों में भी होती है। यूनाइटेड किंगडम में 9 से 15 साल की उम्र की लगभग 1000 लड़कियां ब्रेस्ट आयरनिंग के खतरे से घिरी हुई हैं।
क्यों की जाती है ब्रेस्ट आयरनिंग?
ब्रेस्ट आयरनिंग का रिवाज फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन जैसा ही है। इसे लड़कियों की भलाई के नाम पर किया जाता है। इसे ब्रेस्ट की ग्रोथ को धीरे करने या रोकने के लिए किया जाता है।
कई मामलों में इसे लड़कियों का पहला सेक्सुअल एनकाउंटर रोकने के लिए भी किया जाता है। कैमरून के कई इलाकों में माना जाता है कि ऐसा करने से वो लड़कियों को पुरुषों के लिए कम अट्रैक्टिव बना देंगे और ऐसे में उनका सेक्सुअल एनकाउंटर नहीं होगा। किसी टीनएज लड़की के लिए ब्रेस्ट होना शर्म की बात माना जाता है।
क्या ब्रेस्ट आयरनिंग से होता है खतरा?
यकीनन जब इतनी क्रूरता की जाएगी, तो हेल्थ से जुड़े खतरे होंगे ही। अफ्रीकी हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक इसके कारण ब्रेस्ट में सिस्ट, ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही, कई तरह की साइकोलॉजिकल समस्याएं भी होती हैं। लड़कियां इसके बाद जिंदगी भर के लिए डर जाती हैं और कुछ मामलों में तो आगे की जिंदगी में संबंध बनाना भी उन्हें अच्छा नहीं लगता।
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कैसे की जाती है ब्रेस्ट आयरनिंग?
कई मामलों में 8-9 साल की लड़कियों को भी प्यूबर्टी के संकेत दिखने लगते हैं। ऐसे में परिवार की कोई महिला उनके ब्रेस्ट को गर्म चीज से दाग देती हैं और उनके चेस्ट को इलास्टिक बैंडेज से बांध देती हैं। इस बैंडेज को दिन में कई बार टाइट किया जाता है।
एक और तकनीक है जिसमें गर्म चीज से ब्रेस्ट को मसाज किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसके कारण ब्रेस्ट फैट पिघल जाएगा और ब्रेस्ट की ग्रोथ जल्दी नहीं होगी। ऐसे मामलों में कई बार स्किन बहुत बुरी तरह से जल जाती है और ऐसे में देसी नुस्खों का इस्तेमाल कर उसे ठीक करने की कोशिश की जाती है।
फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन की तरह इस रिवाज को भी महिलाओं के मानवाधिकारों का हनन माना जाता है।
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