ऑफिस में जेनरेशन गैप काम में नहीं आएगा आड़े, बस ऐसे करें सीनियर के साथ काम
बस ऐसे करें सीनियर के साथ काम
ऑफिस एक ऐसी जगह है, जहां पर हम सभी अपने पूरे दिन का काफी सारा समय बिताते हैं। ऑफिस में हमें कई अलग-अलग लोगों के साथ डील करना पड़ता है। यहां तक कि उनके साथ एक ही टीम में रहकर अपने काम को बेस्ट तरीके से करना होता है। लेकिन प्रॉब्लम तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जब ऑफिस में वर्कर्स के बीच जेनरेशन गैप हो।
जब एक टीम में अगर जेनरेशन गैप होता है तो ऐसे में किसी भी प्रोजेक्ट या काम को लेकर वर्कर्स की राय अलग-अलग हो सकती है। जिसके कारण ऑफिस में काम को स्मूथली हैंडल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप ऑफिस में वर्कर्स के बीच जेनरेशन गैप को मैनेज करते हुए आसानी से काम कर सकते हैं-
करें ओपन कम्युनिकेशन
अगर ऑफिस में वर्कर्स व सीनियर्स के बीच में जेनरेशन गैप है तो यह बेहद जरूरी होता है कि टीम के सभी मेंबर्स के बीच ओपन कम्युनिकेशन हो। जब सभी टीम मेंबर अपनी राय, एक्सपीरियंस या विचारों को शेयर करते हैं तो इससे किसी भी ऑफिस प्रॉब्लम या प्रोजेक्ट को हैंडल करने के कई ऑप्शन मिलते हैं। जिससे काम को बेहतर तरीके से करने में मदद मिलती है।
मीटिंग्स को ना करें इग्नोर
ऑफिस में अगर वर्कर्स व सीनियर्स के बीच जेनरेशन गैप होता है तो यह जरूरी है कि उनके बीच एक कम्युनिकेशन ब्रिज बने। इसके लिए समय-समय पर टीम मीटिंग्स होनी चाहिए। ऐसी टीम मीटिंग्स जिसमें हर वर्कर अपने ओपिनियन व प्रॉब्लम्स के बारे में आसानी से डिस्कस कर सके।
रहें फ्लेक्सिबल
अगर ऑफिस में जेनरेशन गैप है तो काम को स्मूथली हैंडल करने के लिए हर व्यक्ति का थोड़ा फ्लेक्सिबल होना बेहद जरूरी है। हर जेनरेशन के पास अपने काम में एक्स फैक्टर एड करने के लिए कुछ जरूर होता है। मसलन, यंग जेनरेशन टेक सेवी है और उनके पास कड़ी मेहनत करने का जज्बा है। वही, ओल्ड जेनरेशन के पास अनुभव होता है। जिसके जरिए वे किसी भी बुरी सिचुएशन को हैंडल करने का रास्ता बता सकते हैं। इसलिए, ऑफिस में फ्लेक्सिबल होने से किसी भी प्रोजेक्ट को हैंडल करना काफी आसान हो जाता है।
मेंटरिंग प्रोग्राम्स को करें आर्गेनाइज
ऑफिस में एज जेनरेशन गैप को मैनेज करने के लिए मेंटरिंग प्रोग्राम को ऑर्गेनाइज करना अच्छा विचार है। इन प्रोग्राम में पुराने वर्कर काम में अपने एक्सपीरियंस को यंगर कलीग्स के साथ शेयर करना चाहिए। वहीं, यंगर कलीग्स अपनी टेक्निकल नॉलेज पुराने वर्कर के साथ साझा कर सकते हैं। इस तरह के मेंटरिंग प्रोग्राम व रिवर्स मेंटरिंग हर वर्कर को अपना बेस्ट करने का मौका देते हैं।
फीडबैक को ना करें इग्नोर
कई बार ऐसा होता है कि हमें समझ नहीं आता है कि गड़बड़ कहां हो रही है, लेकिन उससे ऑफिस का काम प्रभावित होता है। अमूमन अगर ऑफिस में आपको एज गैप के साथ काम करना पड़ता है तो यह समस्या और भी अधिक हो सकती है। हो सकता है कि कुछ वर्कर सबके सामने अपनी बात कहने में कंफर्टेबल फील ना करते हों। ऐसे में फीडबैक काफी काम आ सकता है। इससे काम के बीच होने वाले लूप को हैंडल करना आसान हो जाता है। यह काम को बेहतर बनाने में काफी मदद कर सकता है (बॉस को फीडबैक कैसे दें)।
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