पेरेंट्स और बच्चों के बीच का जनरेशन गैप बनता हैं रिश्तों में दूरियों का कारण, ऐसे संभाले स्थिति

दूरियों का कारण, ऐसे संभाले स्थिति

Update: 2023-09-05 08:02 GMT
समय बहुत जल्दी आगे बढ़ रहा है और तेजी से बदल भी रहा है। इस समय के बदलाव ने रिश्तों को हैंडल करने में भी बदलाव ला दिया हैं। आजकल देखने को मिलता हैं कि आज की पीढ़ी तकनीकी और सोच में अपने पेरेंट्स से अलग जा रही हैं जिसकी वजह से दोनों के बीच जनरेशन गैप देखने को मिल रहा हैं और इसका असर उनके रिश्ते पर भी पड़ रहा हैं। इस जनरेशन गैप की वजह से पैरेंट्स बच्चों को समझ नहीं पाते और जब तक हम समझ पाते हैं तब तक माता-पिता और बच्चों के बीच मनमुटाव शुरू हो जाता है। ऐसे में बच्चों से अपने रिश्ते अच्छे बनाए रखने के लिए जरूरी हैं कि इस जनरेशन गैप को दूर किया जाए। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप इस स्थिति को अच्छे से संभाल पाएंगे। आइये जानते हैं इनके बारे में...
जरुर दें उन्हें समय
भले ही आप वर्किंग हैं लेकिन बच्चों को पूरा समय दें। आज के समय में अक्सर वर्किंग पेरेंट्स बच्चों की हर ख्वाहिश तो पूरी कर देते हैं लेकिन उन्हें माता-पिता का प्यार नहीं दे पाते जिसके चलते बच्चों का अपने माता-पिता के साथ रिश्ता कमजोर होने लगता है। ऐसे में अगर आप भी वर्किंग हैं तो वीकेंड्स के समय बच्चों के साथ समय बिताएं। उन्हें कहीं बार पिकनिक पर लेकर जाएं या फिर किसी उनकी कोई मनपसंदीदा एक्टिविटी आप बच्चों का करवा सकते हैं।
दिमाग खुला रखना आवश्यक है
आपका बच्चा क्या सोचता है, निश्चित तौर पर यह आपकी सोच और व्यवहार से अलग होगा। लेकिन अभिभावक इस बात को लेकर क्रोधित या चिंतित हो जाते हैं, क्योंकि वो इससे पहले ही उस उम्र से होकर गुजर चुके हैं। पैरेंट्स को लगता है की वह अपने बच्चे की जरूरतों और उनकी भावनाओं को समझते हैं, लेकिन सच बात यह है कि जब आप उनकी उम्र में थे तब हालात पूरी तरह अलग और शायद सहज भी थे। इसलिए आपको अपने दिमाग को खुला और सोच को विस्तृत रखने की आवश्यकता है। आपको समझना चाहिए कि आज बहुत सी ऐसी चीजें सामाजिक रूप से स्वीकृत हैं जो आपके समय में नहीं थीं। अपने बच्चे को बेहतर समझने और जानने के लिए सबसे पहले आपका माइंड ओपन होना अनिवार्य है।
उनकी बात सुनें
अगर आपका बच्चा कोई गलती कर देता है या किसी टेस्ट में फेल हो जाता है। तो मां बाप उसके बिल्कुल सिर पर ही चढ़ जाते हैं। उसकी एक भी बात नहीं सुनते हैं कि क्यों उसने ऐसा किया और वह किस स्थिति से गुजर रहा था। अगर वह अपनी कोई राय रखते हैं या फिर अपनी बात रखने की कोशिश करते हैं तो फिर आप उन्हें यह समझ कर चुप करा देते हैं। वह आपसे जुबान लड़ा रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं होता है, आपको उनकी भी बात सुननी चाहिए।
समझने की कोशिश करें
किसी भी रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए आपसी समझ बहुत जरूरी होती है। अगर पैरेंट्स को समझ नहीं आ रहा है कि बच्चा क्या चाहता है या वह क्या कर रहा है, तब ये कहा जा सकता है कि वह एक अच्छे पैरेंट्स नहीं हैं। हमेशा खुद का उदाहरण देने के बजाय बच्चों को जीवन में कुछ अच्छा कर उदाहरण बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कई बार पैरेंट्स को बच्चों को समझने और उनके साथ हमेशा खड़े रहने की जरूरत होती है। कभी-कभी बच्चों को वह करने देना चाहिए जो वो करना चाहते हैं।
बच्चों को करें खूब प्यार
कई बार बच्चों को आगे पढ़ाई की चिंता होती है या फिर अपने भविष्य की चिंता होती है, जिससे बच्चों के व्यहार में चिड़चिड़ापन आ जाता है। और हम इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि बच्चे पर क्या बीत रही है, उल्टा उसे हम डांटने लगते हैं। जबकि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, इससे आपके बच्चे का चिड़चिड़ापन और ज्यादा बढ़ सकता है।
बच्चों के बन जाएं दोस्त
आप अपने बच्चों को दोस्त बनकर रहें उन्हें यह कभी भी महसूस न होने दें कि आपकी और उनकी उम्र के बीच गहरा अंतर है। उन्हें यह जरुर सिखाएं कि बच्चों को आपकी इज्जत करनी चाहिए लेकिन बड़ों के जैसे व्यवहार करने की जगह आप उनकी उम्र के जैसे सोचने का थोड़ा प्रयास करें। यदि आप बच्चे के दोस्त बनकर रहेंगे तो इससे आपके रिश्ते और भी मजबूत होंगे।
ना सुनने को आसान बनाएं
एक घर में रह रहे दो लोग अलग-अलग विचारधारा और च्वाइस रख सकते हैं। आपका बच्चा कोई मशीन नहीं जो आपकी हर बात पर हाँ में हाँ मिलाए। आपका बच्चा आपकी बात से असहमत हो सकता है। यह उतना ही सामान्य होना चाहिए जितनी कोई और बात। इसे अपने अहम या जिद के साथ जोड़ेंगे तो कभी अपनी फैमिली की भावनाओं को समझ नहीं पाएंगे।
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