योग कोरोना में इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर तनाव तक हुआ दूर में मददगार
कोरोना के खिलाफ जंग में योग एक मजबूर हथियार साबित हुआ है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना के खिलाफ जंग में योग एक मजबूर हथियार साबित हुआ है। विभिन्न अध्ययनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर तनाव घटाने तक में इसकी अहम भूमिका पाई गई है। वहीं, कोविड-19 देखभाल केंद्रों में भी संक्रमण से कमजोर पड़े फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए योग का सहारा लिया जा रहा है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर
अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के शोधकर्ताओं ने सार्स-कोव-2 वायरस से संक्रमित मरीजों को फेफड़ों की कार्य-क्षमता बढ़ाने और तन-मन को सुकून पहुंचाने वाले कुछ योग आसन के अलावा श्वास क्रियाओं का नियमित अभ्यास करवाया। उन्होंने मरीजों को ध्यान लगाने के साथ-साथ वैदिक मंत्रों का उच्चारण करने की भी सलाह दी। इससे मरीजों के शरीर में न सिर्फ सीडी-4 और बी-लिम्फोसाइट जैसी रोग-प्रतिरोधक कोशिकाओं की संख्या बढ़ाने में मदद मिली, बल्कि सार्स-कोव-2 वायरस की आबादी में उल्लेखनीय कमी लाना भी संभव हो पाया।
तीसरे दिन से ही मिलने लगता है आराम
'जर्नल ऑफ मेडिकल केस रिपोर्ट्स' में छपे एक अध्ययन में अकेले एलोपेथी के बजाय योग, आयुर्वेद और एलोपेथी पर आधारित समग्र थेरेपी को ऐसे संक्रमितों के इलाज में ज्यादा असरदार पाया गया है, जो पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थायरॉयड, कैंसर और किडनी रोग जैसी जटिलताओं से जूझ रहे हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि समग्र थेरेपी से उपचार शुरू होने के तीसरे दिन से ही ऐसे ज्यादातर संक्रमितों को कोविड-19 से जुड़े लक्षणों से राहत मिलने लगती है। पांच दिन के भीतर उन्हें 75 फीसदी तक आराम मिल जाता है, जबकि नौवें दिन तक वे पूर्ण रूप से ठीक जाते हैं।
स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान का जोखिम घटेगा
प्रतिरोधक तंत्र का अति-सक्रिय होकर स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना कोविड-19 मरीजों के अंग खराब होने और उनकी जान जाने का बड़ा कारण बनकर उभरा है। 'जर्नल ऑफ ऑल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लीमेंटरी मेडिसिन' में प्रकाशित एक अमेरिकी शोध में प्रतिरोधक कोशिकाओं के अधिक सक्रिय होने के लिए तनाव को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि योग-आध्यात्म स्ट्रेस हार्मोन 'कॉर्टिसोल' के स्तर में कमी लाने मददगार है। इससे मस्तिष्क को शरीर के खतरे में होने का संदेश नहीं जाता और वह प्रतिरोधक तंत्र को अति-सक्रिय होने से रोकता है।
तनावमुक्त रखने में असरदार
-26 अप्रैल से 08 जून 2020 के बीच आईआईटी दिल्ली के शोधकर्ताओं ने 668 वयस्कों पर अध्ययन कर कोरोनाकाल में तनावमुक्त रखने में योग-आध्यात्म की भूमिका जांची।
-नियमित रूप से योग-आध्यात्म का अभ्यास करने वाले प्रतिभागियों में मानसिक सुकून का स्तर ज्यादा मिला, इसका फायदा मजबूत प्रतिरोधक क्षमता के रूप में भी सामने आया।
संयुक्त राष्ट्र ने भी माना लोहा
-अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले संयुक्त राष्ट्र ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि कोरोना महामारी न सिर्फ शरीर को खोखला करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है।
-मरीजों में बेचैनी-डिप्रेशन की समस्या उभरना इसका प्रमाण है, चूंकि योग शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूती प्रदान करता है, लिहाजा इसका अभ्यास सभी के लिए फायदेमंद।