बार-बार फ्रैक्चर का होना ऑस्टियोपोरोसिस का संकेत तो नहीं, जाने इससे जुडी बाते

बार-बार फ्रैक्चर उम्र ढलने के साथ होनेवाली सबसे आम समस्याओं में से एक है. ये समस्या गंभीर होती है और उसके ठीक होने में समय लगता है

Update: 2021-07-29 06:30 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बार-बार फ्रैक्चर उम्र ढलने के साथ होनेवाली सबसे आम समस्याओं में से एक है. ये समस्या गंभीर होती है और उसके ठीक होने में समय लगता है. इतना ही नहीं, उसके साथ दर्द दूसरी चुनौती होती है. रिसर्च से पता चला है किबार-बार फ्रैक्चर का होना ऑस्टियोपोरोसिस का संकेत तो नहीं, जाने इससे जुडी बातेहै और ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित लोगों को डिमेंशिया जैसी समस्याओं का ज्यादा खतरा होता है. पुरुषों के मुकाबले महिलाएं बीमारी के लिए ज्यादा संवेदनशील होती है. लिहाजा, जरूरी है कि इस सिलसिले में ध्यान दिया जाए.

ऑस्टियोपोरोसिस आखिर क्या है?
ऑस्टियोपोरोसिस एक बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती है. बीमारी का कोई शुरुआती लक्षण नहीं होता है. लेकिन कुछ बुनियादी लक्षणों में हड्डियों और जोड़ों में दर्द, झुकना या गलत मुद्रा और बार-बार फ्रैक्चर को ढूंढा जा सकता है. जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, हड्डी का स्वास्थ्य और बोध की गिरावट जुड़े हुए हैं. इसलिए, अगर आपको हड्डी से जुड़ी कोई समस्या है, तो हड्डी की सेहत के साथ बोध की गिरावट को मॉनिटरिंग करने की सलाह दी जाती है. इसके लिए कुछ उपाय बताए जा रहे हैं. आप अपने और अपने अभिभावकों की रूटीन में ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए उसे शामिल कर सकते हैं.

डाइट- संपूर्ण सेहत के लिए डाइट की सबसे ज्यादा अहमियत है. कैल्शियम से भरपूर डाइट के साथ कुछ दूसरे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का खाना हड्डी की सेहत के लिए जरूरी है. हड्डी की सेहत को बनाए रखने के लिए अपनी रोजाना की डाइट में अंडे, बादाम, फलियां और फलों को शामिल करें.
व्यायाम- अपने अभिभावकों के साथ 30 मिनट का व्यायाम आपकी हड्डी के स्वास्थ्य के लिए अचूक असर कर सकता है. अपने अभिभावकों के लिए उनकी उम्र को देखते हुए सही व्यायाम के विकल्प को चुनना सुनिश्चित करें.

सक्रिय रहें- सक्रिय रहना आपको हड्डी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है. सक्रिय नहीं रहने से ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों की संख्या महामारी के दौरान बढ़ी है. अगर आप डेस्क पर काम कर रहे हैं, तो बीच में नियमित ब्रेक लेने की सलाह दी जाती है. खाली वक्त में आप फोन पर बात करते हुए भी टहल सकते हैं या कुछ सीढ़ी चढ़ सकते हैं.
कैफीन का सीमित सेवन- सुबह में कॉफी या चाय का इस्तेमाल आम है. लेकिन क्या आप जानते हैं बहुत ज्यादा कैफीन आपके बोन डेंसिटी को प्रभावित कर सकती है और सामान्य से तेज उसे नाजुक बना सकती है? लिहाजा, गैस से भरी हुई ड्रिंक्स, चाय और कॉफी को सीमित करते हुए कैफीन का सेवन कम करें.

हाइड्रेटेड रहें- पर्याप्त पानी पीना बोन डेंसिटी को बनाए रखने में मदद करता है. बोन मैरो रेड ब्लड सेल्स को बनाने का जिम्मेदार होता है, जो ऑक्सीजन की सप्लाई करता है. पानी कैल्शियम के साथ दूसरे पोषक तत्वों को हड्डियों में ले जाता है. कैल्शियम में भरपूर डाइट और विटामिन डी उस वक्त बेअसर होगी जब आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं. पानी टॉक्सिन्स से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है, जो सूजन और बोन मास में टूट-फूट का कारण बन सकता है.


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