दिनभर की थकान और तनाव को दूर भगाने के लिए पेश है, पांच योग मुद्राएं, जो मिनटों में आपकी मांसपेशियों को रिलैक्स कर, शरीर में रक्तप्रवाह को बढ़ाएंगी और आपको सुकून व शांति के एहसास से भर देंगी.
मसल स्पैज़्म से लेकर ख़राब पेट तक आपके तनाव को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं, इसलिए हमने मुंबई की हठ योग एक्स्पर्ट संजना थोरात से बात करके जाना कि किन योग आसनों की मदद से आप अपनी मांसपेशियों को रिलैक्स करके, दिमाग़ में रक्तप्रवाह को बढ़ाकर तनाव को छूमंतर कर सकते हैं. संजना कहती हैं,“वैसे तो इन आसनों को आप सुबह जल्दी उठकर करेंगे, तो बेहतर नतीजे मिलेंगे. लेकिन जब भी आप तनाव महसूस कर रहे हों, तो इनका अभ्यास करके मिनटों में तनाव से छुटकारा पाकर तरोताज़ा महसूस कर सकते हैं. बस, इस बात का ध्यान रखें कि खाने और योग के बीच कम से कम चार से छह घंटे का अंतर हो.” पेट योग करते समय ख़ाली होना चाहिए.
पद्मासन
मेडिटेशन की सबसे पहली सीढ़ी है, ध्यान भटकानेवाले विचारों पर क़ाबू पाकर अपने दिमाग़ को शांत व एकाग्र बनाना. ऑफ़िस के तनाव और रोज़मर्रा की खिटपिट से दिमाग़ को शांत करने और सतर्कता बढ़ाने के लिए पद्मासन करें. पद्मासन में बैठने के लिए सबसे पहले बाएं पैर को दाईं जांघ पर रखें और फिर दाएं पैर को बाईं जांघ पर रखें. लेकिन यदि आप इस पोज़िशन में सहज न हों, तो पैरों को हल्का मोड़कर भी बैठ सकती हैं, लेकिन पीठ सीधी रखें, ताकि आपका दिमाग़ सचेत रहे. आंखें मूंदकर अपनी सांस पर ध्यान लगाने की कोशिश करें. नाक से सांस लें और नैसर्गिक सांस लेने की क्रिया को फ़ॉलो करें. यदि ध्यान लगाने में अब भी मुश्क़िल हो रही हो, तो सुकूनदेह म्यूज़िक लगाएं. यह कहीं भी, कभी भी किया जा सकनेवाला योगासन है.
वज्रासन
यह मुद्रा आपकी गर्दन, सिर और कंधों के तनाव को ख़त्म करेगी. वज्रासन में बैठें यानी दोनों पैरों को पीछे की ओर मोड़कर उसपर बैठ जाएं. दाएं हाथ को ज़मीन पर रखें और बाएं हाथ को सिर के ऊपर से विपरीत दिशा में ले जाकर हल्का स्ट्रेच करें. अब बाएं हाथ को ज़मीन पर रखें और दाएं हाथ को सिर के ऊपर से विपरीत दिशा में स्ट्रेच करें. यह प्रक्रिया 10-15 बार दोहराएं. यह अपचन, एसिडिटी, सुस्ती जैसी समस्याओं को दुरुस्त करता है, जिससे दिमाग़ शांत होता है. यह शरीर में रक्तप्रवाह को बढ़ाता है और मन को शांति प्रदान करता है.
प्रसारिता पादोत्तासन
इस आसन में शरीर के ऊपरी हिस्से, ख़ासतौर पर सिर में रक्तप्रवाह बढ़ता है. अपने पैरों को बराबर में फैला लें और हाथों को कूल्हों पर रखें. सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए सामने की ओर कमर से झुकें. अब कुहनियों को ज़मीन पर टिकाएं, कंधों को सीधा रखें और उंगलियों को आपस में अटका लें. अब सिर को ज़मीन पर रखें. यदि सिर ज़मीन तक पहुंच नहीं पा रहा हो, तो योग ब्लॉक का इस्तेमाल कर उसपर सिर टिका सकते हैं. इसी मुद्रा में 10 बार सांस लें और छोड़ें. अब सांस लेते हुए सीधी खड़ी हो जाएं और हाथों को कमर पर रखें. इस आसान से दिमाग़ तक अतिरिक्त रक्तप्रवाह होता है, जिससे उसकी कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं. तनाव और ऐंग्ज़ाइटी को मिनटों में भगाने के लिए यह मुद्रा सबसे उपयुक्त है. यह एक अलग स्तर की शांति प्रदान करता है, जिससे आपका मन रिलैक्स हो जाता है.
उत्तानासन
दिमाग़ को मिनटों में शांत और एकाग्र करने में यह आसन मददगार है. यदि हाल ही में आप डिप्रेशन की गिरफ़्त में आए हैं, तो भी यह आसन नियमित रूप से करने से जल्द ही राहत मिलेगी. पैरों को एक साथ ले आएं और उन्हें सीधा रखें. सांस लेते हुए हाथों को ऊपर करें और सांस छोड़ते समय हाथों को नीचे की ओर ले जाएं. हथेलियों को ज़मीन पर रखें. यदि हथेलियां ज़मीन तक नहीं पहुंच रही हों तो एड़ियों को भी पकड़ सकते हैं या उन्हें स्पर्श कर सकते हैं. इस पूरी मुद्रा के दौरान पैरों को मोड़ें या झुकाए नहीं. कुछ सेकेंड्स या 10 बार सांस लेने और छोड़ने तक पोज़िशन को बनाए रखें. लंबी सांस लें और हाथों को ऊपर उठाएं और रिलैक्स हो जाएं.
सुप्त बध्द कोणासन
यह आसन नर्वस सिस्टम को शांति प्रदान करता है. यह कूल्हों के आसपास के हिस्सों और पूरे शरीर की अच्छी स्ट्रेचिंग कराता है. लेकिन यह आसन स्ट्रेचिंग के बारे में न होकर अंदरूनी शांति प्रदान करने और अपने लक्ष्यों के प्रति एकाग्र होने में मदद करता है. ज़मीन पर सीधे लेट जाएं. अब धीरे से अपने घुटनों को मोड़ें, जिससे तलवे नमस्ते करने की मुद्रा में आपस में स्पर्श हो जाएं. एड़ियां ग्रॉइन को स्पर्श करती हुई या ग्रॉइन (पेट के नीचे और जांघों के ऊपर का हिस्सा) के जितने क़रीब हो सके, उतने क़रीब ले जाने की कोशिश करें. अब बाईं हथेली को दिल पर रखें और दाईं को पेट पर. सांस छोड़ते समय ध्यान रखें कि शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियां सिकुड़न महसूस करें, क्योंकि इस दौरान टेलबोन, प्यूबिक बोन के क़रीब जाएगा. पीठ और पेल्विक एरिया में स्थिरता महसूस होगी. अब तुरंत सांस लें और सांस छोड़ते समय घुटने उठाएं, ताकि थाईज़ के अंदरूनी हिस्सों और ग्रॉइन्स में खिंचाव महसूस हो. ध्यान रहे कि निचली रीढ़ की हड्डी पर बहुत ज़्यादा दबाव न पड़ने पाए. गर्दन पर बहुत दबाव न बनाते हुए कंधे चौड़े रहें. अब इसी मुद्रा में एक मिनट तक बने रहते हुए धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें. सांस छोड़ें और पोज़ से बाहर आएं. लेकिन ऐसा करने से पहले शरीर के निचले हिस्से और घुटनों को ज़मीन पर दबाएं. उसके बाद घुटनों को गले लगाएं और फिर बाहें फैलाकर पोज़िशन रिलीज़ करें. यह दिल को स्टिम्युलेट कर रक्तप्रवाह को बढ़ाता है. यह मांसपेशियों में तनाव को