पसीने के चलते पैरों में होता है इन्फेक्शन

Update: 2023-06-12 17:26 GMT
गर्मियों के मौसम में अक्सर मोजे पहनने के बाद उन्हें उतारते ही बदबू का अहसास होता है। ऐसा पैरों से निकलने वाले पसीने के चलते ही होता है। इसके अतिरिक्त पसीने की वजह से कई लोगों के तलवों अंगुलियों के निचले हिस्से से खाल उतरने लगती है या खाल नम हो जाती है, यह एक प्रकार का संक्रमण है जिसे एथलीट फुट कहा जाता है।
लेकिन इस इन्फेक्शन में पैर एथलीट के पैरों की तरह मजबूत नहीं होते, बल्कि सडऩे लगते हैं और ऐसा पैरों से निकलने वाले पसीने के चलते ही होता है। यह एक तरह का दाद है जो पैर की उंगलियों से शुरू होकर पूरे शरीर में फैल सकता है। इस संक्रमण में पैर और तलवे की त्वचा सडऩे लगती है। पसीने में तर मोजे और जूते को पहनने से गर्मियों में पैरों में दाद की समस्या भी काफी बढ़ जाती है।
जूते पहनने के बाद पैरों से लगातार पसीना आता है। इसी पसीने में बैक्टीरिया पनपते हैं। पैरों से निकली डेड स्किन के साथ मिलकर ये बैक्टीरिया दुर्गंध पैदा करते हैं। अगर किसी के पैरों से बहुत दुर्गंध आ रही हो तो इसका मतलब है कि उसके पैरों में बड़ी संख्या में बैक्टीरिया फैल चुका है।
पैर शरीर के उन अंगों में से एक है, जहां सबसे ज्यादा पसीना आता है। ऐसे में लोग जूते के साथ मोजे पहनते हैं। मोजे को धोने से पसीना भी धुल जाता है और पैरों में बैक्टीरिया और फंगस नहीं फैलता। लेकिन यदि कोई एक ही मोजे को बार-बार पहने या बिना मोजे के जूता पहने तो जूते में पसीना जमा होने लगता है। जिसके चलते बैक्टीरिया और फंगस बढऩे लगते हैं। इस इन्फेक्शन की वजह से ये फंगस पैरों में दाद-खाज की वजह बन जाते हैं।
इसके अलावा कभी भी एक ही मोजा बार-बार बिना धुले न पहनें। मोजे को धुलने के बाद भी अच्छे से डिसइंफेक्टेड करना जरूरी है। धोते हुए ध्यान रखें कि मोजे से डिटर्जेंट अच्छी तरह से निकल जाए नहीं तो ये रैशेज और जलन का कारण हो सकता है। मोजे पहनते हुए ख्याल रखें कि वह पूरी तरह से सूखें हों और उनमें थोड़ी भी नमी न हो।
त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि पसीने की नमी कई तरह के इन्फेक्शन का कारण बन रही है। ऐसे में जरूरी है कि समय-समय पर तलवों तक खुली हवा पहुंचे और वह सूखे रहें। इसके लिए कोशिश करनी चाहिए कि सप्ताह में कम से कम एक दिन जूते-मोजे की जगह सैंडल या चप्पल पहन कर बाहर निकलें और यदि घर पर हों तो स्लीपर पहनने की कोशिश करें।
टाइट जुराब ब्लड सर्कुलेशन को धीमा कर देते हैं। इसके अलावा टाइट मोजे बॉडी हीट को भी बाहर नहीं आने देते, जिससे ओवरहीटिंग की समस्या हो सकती है। पैरों को भी ब्रीथ करने की जरूरत होती है। इसलिए पैरों को समय-समय पर खुले रखना और लूज जुराब पहनना जरूरी है।
अपने पैरों के साइज से थोड़े बड़े और कॉटन के मोजे पहनें। मोजे बस इतने टाइट होने चाहिए, जिससे स्किन पर निशान न पड़ें। अगर मोजे से स्किन पर निशान पड़ता है तो इसका मतलब है कि आपको इससे बड़े साइज के मोजे लेने की जरूरत है।
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