आधुनिक युग में भी इस पश्चिमी देश में पीरियड्स होने पर लड़कियों को 3 दिन तक नहीं देते हैं खाना
लड़कियों को 3 दिन तक नहीं देते हैं खाना
भले ही पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन इसके साथ कई टैबू और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। 21वीं सदी में पहुंचने के बाद भी, आज भी लोग पीरियड्स से जुड़ी दकियानुसी सोच को बढ़ावा देते हैं। जहां इन दिनों में महिलाओं को सबसे ज्यादा देखभाल और हाइजीन से जुड़ी चीजों की जरूर होती है। वहीं, उनके साथ पीरियड्स में सही व्यवहार नहीं किया जाता है। पीरियड्स से जुड़ी अलग-अलग बातें की जाती हैं। इनमें कहा जाता है कि पीरियड ब्लड हानिकारक होता है। इसके कारण मेंस्ट्रुअल हेल्थ पर असर पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि पीरियड्स से जुड़ी मान्यताएं और रिवाज, देश और संस्कृति में अलग-अलग है। आज इस आर्टिकल में हम आपको पश्चिमी देश कीरिबाती के पीरियड से जुड़े रिवाज के बारे में बताएंगे।
इस कारण से नहीं दिया जाता लड़की को खाना
कीरिबाती में जब लड़की को पहली बार पीरियड्स होते हैं, तो उसे शुरुआती तीन दिनों में खाना नहीं दिया जाता है। चौथे दिन उनके पास खाने और पीने का थोड़ा सा सामान दिया जाता है। खाने के लिए केवल ड्राई फ्रूट्स होते हैं। पीने के लिए नारियल पानी और ताजी टोडी दी जाती है। यह एक पांरपरिक ड्रिंक है।
इसके पीछे कारण है। माना जाता है कि जब कभी जीवन में लड़की के परिवार में खाने के लिए भोजन की कमी होगी, तब वह महिला अपना पेट भरने से पहले बच्चों और पति को खाना देगी।
तीसरे दिन यह रिवाज निभाया जाता है
तीसरे दिन लड़की स्थानीय लोगों में जन्मे पहले पुरुष के साथ शेयर करती है। इसके बाद शुरू होता है रिवाज। इसके बाद लड़की के घर में रिश्तेदार आते हैं। इस दौरान माता-पिता द्वारा खाने का आयोजन किया जाता है। समारोह में डांस भी होता है। सभी लोग लड़की को एक युवा महिला की नजर से देखते हैं। (तमिलानाडु में निभाया जाता है पीरियड से जुड़ा यह रिवाज)
कीरिबाती में पीरियड का अर्थ
period meaning in kiribatiकीरिबाती में पहले पीरियड्स को किशोरावस्था से जोड़कर देखा जाता है। यानी अब वह खेलने वाली कोई बच्ची नहीं है। पीरियड होने का अर्थ सुरक्षा, देखभाल और पोषण से है। पीरियड होने पर घर की बड़ी महिला लड़की को यह बताती है कि कीरिबाती में एक महिला होने का क्या अर्थ होता है। (भारत में पीरियड से जुड़े रिवाज)
क्या कहती है एनसीबीआई की रिपोर्ट
एनसीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कीरिबाती में लड़कियों को पीरियड से जुड़ी जानकारी का अभाव है। पीएनजी द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि लड़कियों को पीरियड्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, जिसके कारण वह पीरियड्स के लिए तैयार भी नहीं थीं। यही नहीं, पीरियड्स के बारे में लड़कियों के बीच गलत धारणा भी थी। स्कूल जाने वाली एक लड़की ने कहा कि जब मां हमें जन्म देती हैं, तब एक उम्र तक अपशिष्ट शरीर में रहता है। जब हमें पीरियड्स होते हैं, तब यह अपशिष्ट रक्त बाहर आ जाता है। इसके अलावा, एक स्कूल जाने वाली युवा लड़की ने कहा कि जो लोग भगवान का निरादर करते हैं, उन्हें यह पाप लगता है।
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