वजन कम करने वाले सप्लीमेंट खाने से सेहत को होता है नुकसान

हम सभी जानते हैं वजन घटाना कोई आसान काम नहीं है.

Update: 2021-07-12 10:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क हम सभी जानते हैं वजन घटाना कोई आसान काम नहीं है. इसके लिए मार्केट में कई तरह के पिल्स, डाइट आते हैं जो तेजी से वजन घटाने का दावा करते हैं. कुछ प्रोडक्ट्स में वजन घटाने वाली चीजें शामिल होती है, जिसकी वजह से हम इन प्रोडक्ट्स पर जल्दी भरोसा कर लेते हैं. इन फूड सप्लीमेंट को लेने की वजह से सेहत को नुकसान होता है. वजन घटाने के लिए सही डाइट के साथ एक्सरसाइज करना भी जरूरी है. आइए जानते हैं इन डाइट सप्लीमेंट को लेने की वजह से सेहत को कैसे नुकसान पहुंचता है.

शेक और फ्रूट जूस
हमेशा याद रखें कि इन शेक में स्वीटनर, ऑर्टिफिशियल शुगर और फ्लेवर्स मिलाया जाता है जो आपकी किडनी और लीवर को खराब करने का काम करता है. इसके अलावा आपके वजन घटने की बजाय बढ़ने लगता है. इसमें मौजूद आर्टिफिशियल शुगर का अधिक सेवन करने से हृदय रोग, डायबिटीज और हाइपरटेंशन की बीमारियां हो सकती है.
फैट बर्नर
मार्केट में कई तरह के फैट बर्नर सप्लीमेंट उपलब्ध है इन चीजों में कई तरह के केमिकल होते हैं जो सेहत को नुकसान पहुंचाते है. इन केमिकल की वजह से हमारी भूख कम हो जाती है, जिसकी वजह से लीवर और पेट की समस्याएं होने लगती है. आप किसी भी तरह का सप्लीमेंट अपने डॉक्टर की सलाह के बाद लें.
ग्रीन कॉफी
ग्रीन कॉफी जैसे प्रोडक्ट्स को खरीदने से पहले लेबल को अच्छे से जांच लें. कई बार इन प्रोडक्ट्स को पीने से तनाव और सिर दर्द की समस्या हो सकती है. कैफीन की अधिक मात्रा आपके हृदय पर बुरा प्रभाव डालता है. अगर आपको हृदय से जुड़ी बीमारी है तो कैफिनेटेड ब्रेवरेज का शामिल न करें.
वजन घटाने की दवाएं
इस तरह की गोलियों में कई तरह के हानिकारक केमिकल प्रोडक्ट्स होते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में मदद करता है. इन दवाईयों का सेवन करने से वजन घटाने की बजाय हृदय रोग और अन्य समस्या हो सकती हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
1. किसी भी तरह की डाइट सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. इन सप्लीमेंट की वजह से हाई ब्लड प्रेशर, डायबीटिज, लिवर डिसीज, लिवर संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
2. इस बात का बहुत कम वैज्ञानिक प्रमाण है कि वजन कम करने वाली गोलियां लंबे समय के लिए फायदेमंद है. आप इसकी बजाय योगा, एक्सरसाइज और अपने खान पाने में बदलाव करें.
3. महंगी दवाओं के पीछे न भागें क्योंकि ये जरूरी नहीं है कि कीमती दवाएं सुरक्षित और प्रभावी हों.


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